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Chandrayaan 4 Missions से क्या होगा हासिल? ISRO का बड़ा प्लान

चंद्रयान - 3 की सफलता से उत्साहित भारत अब अंतरिक्ष में एक और बड़ी छलांग लगाने के लिए कमर कस चुका है। इस बार इसरो चंद्रयान 4 के जरिये अंतरिक्ष में अपनी काबिलियत की इबारत लिखेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान 4 मिशन को मंजूरी दे दी है। खास बात ये है कि चंद्रयान 4 सिर्फ चांद पर लैंड ही नहीं करेगा बल्कि चंद्रमा से सैंपल लेकर धरती पर वापस भी लौटेगा।

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Chandrayaan 4 Missions से क्या होगा हासिल
Chandrayaan 4 Missions से क्या होगा हासिल

चंद्रयान - 3 की सफलता से उत्साहित भारत अब अंतरिक्ष में एक और बड़ी छलांग लगाने के लिए कमर कस चुका है। इस बार इसरो चंद्रयान 4 के जरिये अंतरिक्ष में अपनी काबिलियत की इबारत लिखेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान 4 मिशन को मंजूरी दे दी है। खास बात ये है कि चंद्रयान 4 सिर्फ चांद पर लैंड ही नहीं करेगा बल्कि चंद्रमा से सैंपल लेकर धरती पर वापस भी लौटेगा। 

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चंद्रयान 4 की खास बातें

चंद्रयान 4 मिशन को 36 महीनों में पूरा किया जाएगा। 
इस मिशन के लिए सरकार ने इसरो को 2104.06 करोड़ का फंड दिया है। 
इसमें चंद्रयान -4 का स्पेसक्राफ्ट
LVM-3 के दो रॉकेट
चंद्रयान 4 से लगातार संपर्क बनाए रखने वाला स्पेस नेटवर्क डिजाइन किया जाएगा। 

चंद्रयान 4 मिशन एक बार में लॉन्च नहीं होगा

चंद्रयान 4 मिशन एक बार में लॉन्च नहीं होगा। इसे दो हिस्सों में लॉन्च किया जाएगा। अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद डॉकिंग के जरिए इसके दो हिस्सों को जोड़ा जाएगा। भारत डॉकिंग की तकनीक तेजी से डेवलप कर रहा है। इस तकनीक के प्रदर्शन के लिए साल के अंत तक SPADEX मिशन को अंजाम दिया जा सकता है। ये तकनीक हासिल करने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो जाएगा जो अंतरिक्ष में डॉकिंग की काबिलियत रखते हैं। 

इसरो ने चंद्रयान 4 मिशन के लिए पूरी तैयारी

इसरो ने चंद्रयान 4 मिशन के लिए पूरी तैयारी कर ली है। चंद्रयान 3 की तरह ही इस बार भी यान का ऑर्बिटर अंतरिक्ष में रहकर चांद का चक्कर लगाएगा और रोवर को चांद पर लैंड कराया जाएगा। लेकिन चंद्रयान 3 से ये मिशन बिल्कुल अलग होने वाला है। क्यों कि इस बार लैंडर सैंपल कलेक्ट करने के बाद दोबारा ऑर्बिटर में डॉकिंग करेगा और ऑर्बिटर वापस धरती पर लौट आएगा। 

चंद्रयान 4 अंतरिक्ष में भारत की अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी योजना

चंद्रयान 4 अंतरिक्ष में भारत की अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। ये मिशन अंतरिक्ष  में डॉकिंग, अनडॉकिंग लैंडिंग और सैंपल के साथ सुरक्षित वापसी जैसे बेशकीमती अनुभव इसरो की कामयाबी की किताब में दर्ज करेगा। इन अनुभवों के दम पर भारत ने 2035 तक अंतरिक्ष में अपना भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना भी बना ली है। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को 5 अलग अलग हिस्सों को जोड़कर बनाया जाएगा। इसके सभी हिस्सों को अलग अलग स्पेश मिशन के जरिये अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। अंतरिक्ष में सभी हिस्सों को डॉकिंग के जरिये जोड़कर 2035 तक पूरा स्पेस स्टेशन तैयार कर लिया जाएगा। स्पेस स्टेशन का काम पूरा होने के बाद भारत 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग की तैयारी कर रहा है। ये योजना सरकार और इसरो के विजन 2047 का हिस्सा है। 

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अंतरिक्ष में कामयाबी के सर्वेश्रेष्ठ शिखर तक

अंतरिक्ष में कामयाबी के सर्वेश्रेष्ठ शिखर तक पहुंचने के लिए बारत ने गगनयान चंद्रयान और इसके फॉलो ऑन मिशन की एक श्रृंखला तैयार की है। ये मिशन आसान नहीं है लेकिन भारत चंद्रयान 3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराके पूरी दुनिया के सामने अंतरिक्ष में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुका है। अब चंद्रयान 4 भारत को एस्टोनॉट्स से जुड़े स्पेस मिशन और चंद्रमा से सैंपल कलेक्ट करने में सक्षम बनाएगा। चंद्रयान 4 की कामयाबी से भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना लेगा।