scorecardresearch

टमाटर, प्याज और आलू के दाम रुलाएंगे! घर का बजट बिगड़ेगा

नवरात्रि खत्म होने के बाद भी टमाटर, प्याज और आलू के दाम में कमी नहीं आई है। हर रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली इन सब्जियों की ऊंची कीमतों ने लोगों के घर का बजट पूरी तरह बिगाड़ दिया है।

Advertisement

नवरात्रि खत्म होने के बाद भी टमाटर, प्याज और आलू के दाम में कमी नहीं आई है। हर रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली इन सब्जियों की ऊंची कीमतों ने लोगों के घर का बजट पूरी तरह बिगाड़ दिया है। 

जरुरी सब्जियों के दाम

आलू की रिटेल कीमतें 40 रुपये प्रति किलो हैं, जबकि टमाटर के दाम 100 रुपये प्रति किलो के पार निकल गए ।वहीं प्याज की कीमत भी 60 रुपये प्रति किलो है।

advertisement

ऐसे में इन तीनों सब्जियों ने ही देश की महंगाई पर काफी असर डाला है क्योंकि टमाटर, प्याज और आलू के दाम बढ़ने से ही महंगाई दर में भी बढ़ोतरी हुई है। रिटेल महंगाई दर में कमी आने के बावजूद खाद्य महंगाई दर लक्ष्य से ज्यादा बने रहने से नीति निर्माताओं को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी 45.9 परसेंट है। सप्लाई से जुड़ी समस्याएं भी रिटेल महंगाई दर के आंकड़ों पर असर डालते हैं। हाल के महीनों में टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में काफी उछाल आया है। रिटेल खाद्य और पेय पदार्थों में टमाटर, प्याज और आलू की हिस्सेदारी 4.8 फीसदी है। जबकि कुल रिटेल महंगाई दर में इनका हिस्सा 2.2 परसेंट है।

क्यों बढ़ी कीमतें?

मौसम
स्टोरेज की समस्याएं 
सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें 

इनकी कीमतों में बढ़ोतरी करती हैं। कई बार मौमस की मार के चलते इनके उत्पादन पर असर होता है। वहीं दूसरी तरफ कोल्ड स्टोरेज की कमी और दूसरी कई समस्याएं भी इनके भंडारण के रास्ते में ब्रेकर बन जाती हैं जिससे ये जल्दी खराब हो जाते हैं। वहीं फसल होने के बाद इनकी सप्लाई को लेकर भी कई बार समस्याएं पैदा हो जाती हैं जो कीमतों में उतार-चढ़ाव की एक बड़ी वजह हैं। स्टडी के मुताबिक जिस मौसम में इनकी पैदावार कम होती है उस समय इनकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं जिस मौसम में पैदावार ज्यादा होती है उस समय कीमत कम होती है। कई बार तो किसानों को अपनी फसल तक फेंकनी पड़ जाती है क्योंकि इन्हें सही दाम पर खरीदने वाला कोई नहीं होता उतार-चढ़ाव वाली मांग-सप्लाई से भी इनकी कीमतों पर असर पड़ता है।हालांकि RBI की रिपोर्ट बताती है कि टमाटर, प्याज और आलू के प्रोडक्शन में तेजी से इजाफा हुआ है। 2022-23 में टमाटर का प्रोडक्शन 20.4 मिलियन मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन 30.2 MMT आलू की पैदावार 60.1 MMT होने का अनुमान है।

भारत अब दुनिया में टमाटर और आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। इसने दुनिया में प्याज के सबसे बड़े उत्पादक के तौर पर चीन को भी पीछे छोड़ दिया है । 2022 में वैश्विक उत्पादन में चीन का 28.6 परसेंट का योगदान रहा है। अगर बात करें इनके दाम में होने वाली संभावित कमी के बार में तो अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में टमाटर की कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो हो सकती है। वहीं प्याज और आलू के दाम में भी गिरावट देखने को मिलेगी। इसकी वजह बाजार में आलू और टमाटर की नई फसल का आना होगा।

advertisement