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Pradhan Mantri Suryodaya Yojana की हुई शुरुआत, एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाएगी केंद्र सरकार

रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के सेकेंड फेज में रूफटॉप सोलर स्थापित करने में गुजरात सबसे आगे है। यहां 1956 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है, जबकि कुल स्टोरेज कैपेसिटी 3174 मेगावाट हो चुकी है।

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योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर में एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएगी
योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर में एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएगी

PM Modi 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से दिल्ली लौटते ही ‘Pradhan Mantri Suryodaya Yojana’ का ऐलान किया। इस योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर में एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, 'सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं। अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफटॉप सिस्टम हो। अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना प्रारंभ करेगी। इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा। 

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आर्थिक रूप के कमजोर लोगों के घरों पर लगाए जाएंगे रूफटॉप सोलर

इस योजना के तहत सरकार आर्थिक रूप के कमजोर लोगों के घरों पर रूफटॉप सोलर इंस्टॉल करेगी। इससे उनकी खुद की बिजली की जरूरत तो पूरी होगी ही, साथ ही एक्सट्रा इलेक्ट्रिसिटी बेचकर कमाई भी कर सकेंगे। योजना के ऐलान के साथ ही पीएम मोदी ने कैंपेन के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने की बात कही। 

क्या होता है रूफटॉप सोलर पैनल

रूफटॉप सोलर पैनल घर की छत पर लगाए जाते हैं। इन पैनलों में सोलर की प्लेट लगी होती है। यह ऐसी तकनीक है जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा सोखकर बिजली प्रोड्यूस करती है। पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स लगे होते हैं जो सौर ऊर्जा को बिजली में तब्दील कर देते हैं। यह बिजली वहीं काम करती है जो पावर ग्रिड से आई बिजली करती है। 

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सोलर पैनल लगाने का खर्च

सोलर पैनल से बिजली प्रोड्यूस करने का खर्च पैनल के मॉड्यूल और इनवर्टर पर निर्भर करता है। 1 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने में 45 से 85 हजार रुपए तक का खर्च आता है। इसके अलावा बैटरी का खर्च होगा। इसी तरह 5 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाने पर 2.25 से 3.25 लाख रुपए तक का खर्च आ सकता है। हालांकि बिजली बिल का खर्च देखें तो 5-6 साल बाद आपका बिल जीरो हो जाएगा, क्योंकि 5-6 साल में पूरी लागत निकल जाएगी।

नेशनल रूफटॉप स्कीम में 40% सब्सिडी दे रही सरकार

फिलहाल केंद्र सरकार सोलर एनर्जी से जुड़ी एक योजना 'नेशनल रूफटॉप स्कीम' चला रही है। इस योजना के तहत अगर आप अपनी छत पर सोलर पैनल लगाना चाहते हैं तो 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाने पर सरकार की ओर से 40% सब्सिडी दी जाती है। अगर आप 10 किलोवाट लगाते हैं तो सरकार आपको 20% सब्सिडी देगी। इसके तहत लाभार्थी को मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रीन्यूएबल एनर्जी (MNRE) इसका चयन पावर डिस्ट्रिब्यूटर्स की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर करता है। 

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अभी देश में 10,407 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा 

रूफटॉप सोलर योजना फेज-2 के तहत 30 नवंबर 2023 तक देश में रूफटॉप सोलर से 2,651 मेगावाट क्षमता को स्थापित किया जा चुका है। सेंट्रल रीन्यूवेबल एनर्जी मिनिस्टर आरके सिंह ने हाल ही में बताया था कि रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के दोनों फेज से अभी 10,407 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। 

31 मार्च 2026 तक मिलेगी सब्सिडी 

हाल ही में रूफटॉप योजना के सेकेंड फेज को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया था। इस कार्यक्रम के तहत सामान्य श्रेणियों के राज्यों के लिए 3 किलोवाट क्षमता के पैनल के लिए प्रति किलोवाट 14,588 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। आरके सिंह ने बताया कि सेकेंड फेज कार्यक्रम के पूरा करने पर 11,814 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) 6600 करोड़ रुपए और वितरण कंपनियों को 4,985 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन शामिल है। 

रूफटॉप सोलर में गुजरात सबसे आगे 

रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के सेकेंड फेज में रूफटॉप सोलर स्थापित करने में गुजरात सबसे आगे है। यहां 1956 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है, जबकि कुल स्टोरेज कैपेसिटी 3174 मेगावाट हो चुकी है। सेकेंड फेज के तहत बिजली उत्पादन करने में केरल दूसरे नंबर पर है, जहां अब तक 211 मेगावाट बिजली रूफटॉप पर प्रोड्यूस हो रही है। इस मामले में नंबर तीन पर महाराष्ट्र है, जहां 117 मेगावाट बिजली रूफटॉप से मिलनी शुरू हो गई है।

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