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Online Gaming के शौकीनों के लिए खबर, मंडरा रहा बड़ा खतरा!

भारत में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर मनी लॉन्ड्रिंग यानी काले धन को सफेद करने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इस सेक्टर को नुकसान पहुंचाए बिना देश की मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की जरूरत एक रिपोर्ट में जताई गई है। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में इससे बचाव के लिए उठाए जाने वाले तरीकों की भी चर्चा की है।

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भारत में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर मनी लॉन्ड्रिंग यानी काले धन को सफेद करने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इस सेक्टर को नुकसान पहुंचाए बिना देश की मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की जरूरत एक रिपोर्ट में जताई गई है। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में इससे बचाव के लिए उठाए जाने वाले तरीकों की भी चर्चा की है। 

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रिपोर्ट के मुताबिक 

अवैध ऑपरेटर्स से निपटने के लिए डेडिकेटेड टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए। इसके अलावा वैध ऑपरेटर्स की लिस्ट बनाना, भ्रामक विज्ञापनों से निपटना और वित्तीय अखंडता के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग के सिद्धांतों का पालन करने जैसे कदम उठाकर भी चुनौतियों से निपटा जा सकता है

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग के बारे में जन जागरूकता फैलाकर लोगों को शिक्षित किया जाना चाहिए जिससे यूजर्स पूरी जानकारी के साथ फैसला कर सकें और भ्रामक प्लेटफॉर्म्स की चपेट में आने से बच सकें। रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग में इस्तेमाल होने वाले एसेट्स की ब्राड वैल्यूएशन होना चाहिए। साथ ही वित्तीय संस्थानों को एआई-एमएल की मदद से पहचान मॉडल तैनात करना चाहिए। इसके अलावा मजबूत जांच दल गठित करने, बचाव के लिए मजबूत कार्यक्रम शुरू करने और ऑनलाइन गेमिंग के जरिए जालसाजी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से भी सेक्टर को फायदा मिलने की बात कही गई है। 

इस सेक्टर की सेहत को दुरुस्त रखने और इसकी साख को मजबूत करना इसलिए भी जरुरी है कि भारत में रियल मनी गेमिंग सेक्टर 2019-20 से 2022-23 तक 28 फीसदी की सीएजीआर के साथ बढ़ा है। अगले 5 साल में इस सेक्टर का रेवेन्यू साढ़े 7 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

लाखों गेमर्स की कम्युनिटी

लाखों गेमर्स की कम्युनिटी इस सेक्टर की ग्रोथ में अहम भूमिका निभा रही है। इसके अलावा, इस क्षेत्र की बदौलत फिनटेक, क्लाउड सेवाओं और साइबर सुरक्षा में भी रोजगार के मौके पैदा हो रहे हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में वित्तीय स्थिरता, साइबर सुरक्षा और यूजर्स की सुरक्षा जैसी कई चुनौतियां हैं जो इसकी  ग्रोथ में ब्रेकर बन सकती हैं, क्योंकि भारत में अवैध सट्टेबाजी बाजार में सालाना 100 अरब डॉलर खप जाते हैं।

रिपोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग पर चर्चा

रिपोर्ट में, मनी लॉन्ड्रिंग की चर्चा करते हुए कहा गया कि ऑनलाइन गेमिंग में इस्तेमाल होने वाले एसेट्स, क्रिप्टोकरेंसी और ऑफशोर सट्टेबाजी प्लेटफार्म्स का अवैध गतिविधियों के लिए तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 400 से ज्यादा घरेलू स्टार्टअप और रोज प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले 10 करोड़ ऑनलाइन गेमर्स में से 9 करोड़ पेड यूजर्स हैं। ये सेक्टर कुल मिलाकर एक लाख लोगों को रोजगार देता है और 2025 तक इसकी क्षमता ढाई लाख नौकरियां पैदा करने है। 

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रिपोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र की खामियों की तरफ इशारा करते हुए कहा गया है कि इस कारोबार में रेगुलटर समेत कई और मानकों का अभाव है।