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रूस-यूक्रेन युद्ध में गुजरात के लड़के की मौत

हेमिल मांगुकिया पहले सूरत के सिमाड़ा नाका के पास संत कृपा रेस्टोरेंट में काउंटर पर बैठकर हिसाब-किताब देखता था. ये रेस्टोरेंट उसके मौसा का है. इसी रेस्टोरेंट पर महेश भाई वाघाणी भी खाना खाने जाया करते थे. इसी दौरान उनका परिचय हेमिल से हुआ था. महेश ने आजतक से बातचीत में बताया कि हेमिल भारतीय सेना से जुड़ना चाहता था. मगर, किसी कारण वो भर्ती नहीं हो सका.

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Ukrain-Russia War
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वर्क वीजा पर रूस गए सूरत के हेमिल मांगुकीया की यूक्रेन द्वारा किए गए ड्रोन हमले में 21 फरवरी को मौत हो गई. हेमिल रूस आर्मी के लिए सिक्योरिटी हेल्पर के तौर पर काम करता था. जिस वक्त यूक्रेन ने ड्रोन से मिसाइल हमला किया, उस वक्त वॉर जोन में चार भारतीय थे. इनमें से तीन हैदराबाद के थे, जिनकी जान बच गई. 

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बताते चलें कि बीते साल 15 दिसंबर को सूरत का हेमिल मांगुकिया (23 साल) रूस गया था. वहां वो रूस की आर्मी में हेल्पर के तौर पर जुड़ गया. 20 फरवरी की रात उसने अपने पिता अश्वनी भाई से बात की थी. तब तक सब ठीक था. अगले दिन उसके साथ रहने वाले भारतीय लड़के ने यूक्रेन के ड्रोन हमले में उसकी मौत होने की खबर परिवार को दी.


हेमिल मांगुकिया पहले सूरत के सिमाड़ा नाका के पास संत कृपा रेस्टोरेंट में काउंटर पर बैठकर हिसाब-किताब देखता था. ये रेस्टोरेंट उसके मौसा का है. इसी रेस्टोरेंट पर महेश भाई वाघाणी भी खाना खाने जाया करते थे. इसी दौरान उनका परिचय हेमिल से हुआ था. महेश ने आजतक से बातचीत में बताया कि हेमिल भारतीय सेना से जुड़ना चाहता था. मगर, किसी कारण वो भर्ती नहीं हो सका. 

वो एक वेबसाइट के जरिए एजेंट के संपर्क में आया था. उसके बाद वो एजेंट के जरिए ही मुंबई और वहां से चेन्नई होते हुए रूस पहुंचा था. वहां आर्मी में हेल्पर के तौर पर जुड़ गया था. उसकी सैलरी करीब डेढ़ से दो लाख रुपये थी.

'रूस की सेना में जुड़ने से पहले उसकी 3 महीने की ट्रेनिंग थी'

हेमिल के चाचा सुरेश भाई ने बताया कि रूस की सेना में जुड़ने से पहले उसकी 3 महीने की ट्रेनिंग थी. ट्रेनिंग के बाद उसे डेढ़ लाख रुपये सैलेरी देने की बात कही गई थी. एजेंट ने उनसे कहा था कि आर्मी के लिए ट्रेनिंग करनी है लेकिन तुम्हें युद्ध नहीं करना है. आर्मी की मदद करनी है. आर्मी के लिए वो कुक का काम करता था. 

'उसने फोन करके हम लोगों को बताया था कि हेमिल मारा गया'

14 दिसंबर को हम उसे मुंबई छोड़ने के लिए गए थे. 16 या 17 तारीख को वो वहां से रूस जाने के लिए निकला था. कर्नाटक का रहने वाला एक लड़का समीर उसके साथ में ही था. उसी के सामने हादसा हुआ था. उसी ने फोन करके हम लोगों को बताया था कि हेमिल अटैक में मारा गया है. 

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समीर ने बताया था कि जहां घटना हुई, वहां से दो-तीन किलोमीटर खुदाई का काम कर रहा था. जैसे ही मिसाइल गिरी वो छिपकर बैठ गया. जब बाहर निकाला तो देखा कि ट्रेनिंग कैंप में सभी लोग मारे गए थे, हेमिल भी इसकी उसकी चपेट में आ गया था. परिवार का कहना है कि सरकार से हमारी मांग है कि डेडबॉडी लाने में मदद करे.