कनाडा के खिलाफ भारत का सख्त कदम: उच्चायुक्त समेत 6 राजनयिक निष्कासित
भारत ने कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और उन्हें 19 अक्टूबर की रात 12 बजे से पहले देश छोड़ने का निर्देश दिया है। यह कदम खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य डिप्लोमेट्स को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में शामिल किए जाने के बाद उठाया गया है। हालांकि, कनाडा के अधिकारियों का दावा है कि उनके पास रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के जरिए कई सबूत हैं।

भारत ने कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और उन्हें 19 अक्टूबर की रात 12 बजे से पहले देश छोड़ने का निर्देश दिया है। यह कदम खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य डिप्लोमेट्स को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में शामिल किए जाने के बाद उठाया गया है। हालांकि, कनाडा के अधिकारियों का दावा है कि उनके पास रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के जरिए कई सबूत हैं।
कनाडा के जिन राजनयिकों को निष्कासित किया गया है, उनमें शामिल हैं:
स्टीवर्ट रॉस व्हीलर (कार्यवाहक उच्चायुक्त),
पैट्रिक हेबर्ट (उप उच्चायुक्त),
मैरी कैथरीन जोली (फर्स्ट सेक्रेटरी),
लैन रॉस डेविड ट्राइट्स (फर्स्ट सेक्रेटरी),
एडम जेम्स (फर्स्ट सेक्रेटरी),
पाउल ओरजुएला (फर्स्ट सेक्रेटरी)।
इन सभी को 19 अक्टूबर की रात 11:59 बजे तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
कनाडा का दावा: पेश किए सबूत
MEA के कार्यालय से बाहर निकलते समय, स्टीवर्ट रॉस व्हीलर ने कहा कि भारत को अपने दावों को उचित ठहराना चाहिए, जो ओटावा में लगाए गए आरोपों से जुड़े थे। व्हीलर का कहना है कि कनाडा ने यह प्रमाणित किया है कि भारतीय सरकार के एजेंटों का कनाडाई नागरिक की हत्या में हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के हित में है कि वे इस मामले की गहराई तक जाएं और कनाडा भारत के साथ इस मामले में सहयोग करने के लिए तैयार है।
भारत का कड़ा विरोध
कनाडा ने सोमवार को भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में नामित किया था। इस पर भारत ने कड़ा विरोध जताया और इन आरोपों को बेतुका बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा ने भारत की संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं दिया है, जबकि बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद प्रधानमंत्री ट्रूडो इस पर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा पर संकट
MEA ने कनाडाई डिप्लोमेट्स को तलब कर उन्हें सूचित किया कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य डिप्लोमेट्स पर बिना सबूत आरोप लगाए जाना अस्वीकार्य है। भारत सरकार ने चेतावनी दी कि इस तरह के आरोपों से उग्रवाद और हिंसा का माहौल पैदा हो रहा है, जिससे भारतीय डिप्लोमेट्स की सुरक्षा खतरे में है।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रूडो सरकार की नीतियों ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, इसलिए भारत अपने उच्चायुक्त और अन्य अधिकारियों को वापस बुला रहा है।
गौरतलब है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया गया है।