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Bina Pandit Puja Kaise Karen: मां लक्ष्मी पूजा घर पर कैसे करें: दिवाली पर बिना पंडित जी के कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा, जानें पूरी विधि

माता लक्ष्मी पूजा विधि: दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। अगर आप बिना पंडित जी के घर पर मां लक्ष्मी की पूजा करना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं दिवाली पूजा की पूरी विधि।

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माता लक्ष्मी पूजा विधि: दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। अगर आप बिना पंडित जी के घर पर मां लक्ष्मी की पूजा करना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं दिवाली पूजा की पूरी विधि।

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दिवाली 2024:

दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे रोशनी का पर्व भी कहते हैं। दिवाली के अवसर पर लोगअपने घरों को दीपों और रंगीन रोशनी से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं। यह त्योहार अच्छाई पर बुराई की विजय का प्रतीक है और इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। आइए जानते हैं कि इस दिवाली, बिना पंडित जी के भी कैसे मां लक्ष्मी की पूजा करें।

मां लक्ष्मी की पूजा की सरल विधि (Diwali 2024 Puja Vidhi)

सफाई करें: सबसे पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई करें क्योंकि मां लक्ष्मी स्वच्छ स्थान पर ही निवास करती हैं।

पूजा स्थल सजाएं: पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

सामग्री अर्पण करें: मूर्ति के समक्ष नारियल, मिठाई, लाल या सफेद फूल, धूप, कपूर, और घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा, अक्षत (चावल), रोली, कुमकुम, गंगाजल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) और पान के पत्ते भी अर्पित करें।

पूजा की शुरुआत करें: पूजा स्थल के सामने बैठकर मन शांत करें और मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए उनका आवाहन करें। उन्हें जल अर्पित करें और पंचामृत से स्नान कराएं, फिर स्वच्छ जल से स्नान कराएं।

तिलक और भोग: मां लक्ष्मी को रोली और अक्षत से तिलक करें, फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग अर्पित करें। इसके बाद नारियल और पान के पत्ते अर्पित करें।

मंत्र जाप: पूजा के दौरान "ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः" और "ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः" का जाप कम से कम 108 बार करें। ये मंत्र धन और समृद्धि के लिए अर्पित किए जाते हैं।

आरती करें: पूजा के अंत में मां लक्ष्मी की आरती करें। कपूर जलाएं और आरती गाएं। परिवार के सभी सदस्यों को आरती में शामिल करें, प्रसाद बांटें और ग्रहण करें।

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दिवाली का महत्व (Diwali 2024 Significance)

दिवाली न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक महत्व भी रखती है। यह हमें मिलजुल कर रहने और खुशियां बांटने की प्रेरणा देती है। दिवाली अच्छाई पर बुराई की विजय का प्रतीक है और हमें अंधकार से दूर होकर ज्ञान का प्रकाश फैलाने का संदेश देती है। हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे। तभी से दीप जलाने की यह परंपरा दिवाली के रूप में मनाई जाती है।