
आखिर क्यों रिजेक्ट हो रहे हैं नए GST रजिस्ट्रेशन के आवेदन
देश में नया कारोबार शुरू करने के लिए जीएसटी पंजीयन कराना आसान नहीं है। जीएसटी के लिए दिए गए आवेदनों के डेटा से यह समझा जा सकता है। बीते छह साल में देश के 21 शहरों में स्थित जीएसटी जोन में आए 49.35 लाख आवेदन में से 26.93 लाख रिजेक्ट हो गए हैं। ये आकंड़ा 54% है।

देश में नया कारोबार शुरू करने के लिए GST पंजीयन कराना आसान नहीं है। जीएसटी के लिए दिए गए आवेदनों के डेटा से यह समझा जा सकता है। बीते छह साल में देश के 21 शहरों में स्थित जीएसटी जोन में आए 49.35 लाख आवेदन में से 26.93 लाख रिजेक्ट हो गए हैं। ये आकंड़ा 54% है।
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केंद्रीय जीएसटी विभाग ने RTI में यह जानकारी दी है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन Vivek Johri कहते हैं कि लोग रजिस्ट्रेशन (पंजीयन) में बोगस दस्तावेज लगा रहे हैं। इसके जरिए करोड़ों रूपये के फर्जी बिल बनाए गए। देश की 1800 फर्मों ने 10 हजार करोड़ से अधिक की बोगस क्रेडिट ली है। हालांकि विशेषज्ञ और व्यापारी जीएसटी विभाग के तर्क से सहमत नहीं हैं।

भोपाल, चंडीगढ़,रांची, दिल्ली, मुमबई, अहमबाद, लखनऊ में सबसे ज्यादा संख्या शामिल है। कई जानकारों का मानना है की जांच के अत्याधुनिक तरीकों के बाद भी हाई कैंसिलेशन रेट ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की भावना के विपरीत है। आईडी एड्रेस प्रूफ का डेटा ऑनलाइन है। ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल, पैन और आधार कार्ड अथेंटिकेशन मुश्किल काम नहीं। फिर बोगस फर्में कैसे बन जाती हैं। अधिकारी कई बार बेवजह आवेदन रद्द करते हैं। उन स्टार्टअप तक के अर्जी रद्द किए, जिनके पास करोड़ों रुपए के ऑर्डर थे। चंडीगढ़ में 2.32 लाख आवेदन में 75% खारिज हुए। मुंबई, दिल्ली में भी रिजेक्शन रेट 70% से ज्यादा है।
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