Go First के CEO Kaushik Khona ने इस्तीफा देते समय ये क्या कह गए
रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2020 तक, PW ने समय पर स्पेयर इंजन उपलब्ध कराए, फ्री में रिपेयरिंग की और कम्पेनसेशन भी दिया। उसके बाद एयरलाइन को कुछ भी नहीं मिला।

इस साल मई से बंद पड़ी एयरलाइन Go-First के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) Kaushik Khona ने इस्तीफा दे दिया है। कौशिक ने कहा, 'भारी मन से सूचित कर रहा हूं कि आज कंपनी में मेरा आखिरी दिन है। दुर्भाग्य से भारी प्रयासों के बावजूद चीजें पक्ष में काम नहीं कर रही हैं। कौशिक अगस्त 2020 में CEO के रूप में गो फर्स्ट में लौटे थे। गो फर्स्ट की फ्लाइट 3 मई से बंद है। इसके तुरंत बाद वो स्वैच्छिक दिवालिया याचिका के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT पहुंच गई थी। कौशिक खोना ने कहा, 'बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने IBC के तहत सेक्शन-10 के लिए आवेदन दाखिल करने का फैसला किया है और हमने अभी भी कंपनी को बेस्ट सपोर्ट प्रोवाइड करना जारी रखा है। हमें उम्मीद थी कि हम जल्द ही और कम से कम जून 2023 से ऑपरेशन फिर से शुरू करेंगे, लेकिन यह डिले हो गया।'खोना ने कहा कि एयरलाइन के सभी कर्मचारियों ने ऑपरेशन को फिर से शुरू करने के लिए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की मंजूरी पाने के लिए बहुत डेडिकेशन के साथ काम किया है।
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उन्होंने कहा, 'RP, CoC (कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स) और वाडिया ग्रुप सहित सभी संबंधितों से कई रिक्वेस्ट और रिप्रेजेंटेशन के बावजूद कर्मचारियों को लगभग 6 महीने से सैलेरी नहीं मिली है।'खोना ने कहा, 'मैं चाहता था कि आप सभी को आपकी ड्यू सैलरी मिल जाए, लेकिन मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता और इसलिए भारी मन से मैंने जाने का फैसला किया है। मुझे काम पूरा न कर पाने का अफसोस है, क्योंकि वे मेरे कंट्रोल से बाहर था। कंपनी की काफी वैल्यू है, लेकिन दुर्भाग्य से रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) को ऐसा कोई नहीं मिला जो इसे आगे ले जा सके।'जस्टिस रामलिंगम सुधाकर और LN गुप्ता की दो सदस्यीय बेंच ने गो फर्स्ट एयरलाइन को चलाने के लिए अभिलाष लाल को इंटेरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल यानी IRP नियुक्त किया था। बाद में शैलेन्द्र अजमेरा को IRP बनाया गया। एयरलाइन का दावा है कि इंजनों की सप्लाई नहीं होने से उसे अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े है। अमेरिका के एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर प्रैट एंड व्हिटनी (PW) को गो फर्स्ट को इंजन की सप्लाई करनी थी, लेकिन उसने समय पर इसकी सप्लाई नहीं की। ऐसे में गो फर्स्ट को अपनी फ्लीट के आधे से ज्यादा एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े। इससे उसे भारी नुकसान हुआ। फ्लाइट नहीं उड़ने के कारण उसके पास कैश की कमी हो गई और फ्यूल भरने के लिए भी पैसे नहीं बचे। एयरलाइन के A20 नियो एयरक्राफ्ट में इन इंजनों का इस्तेमाल होता है। एयरलाइन के CEO कौशिक खोना का दावा है कि इंजन की खराबी से कंपनी को बीते तीन साल में 1.1 बिलियन डॉलर यानी करीब 8.9 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2020 तक, PW ने समय पर स्पेयर इंजन उपलब्ध कराए, फ्री में रिपेयरिंग की और कम्पेनसेशन भी दिया। उसके बाद एयरलाइन को कुछ भी नहीं मिला। एयरलाइन ने पिछले साल मार्च में एक हफ्ते में 2,084 फ्लाइट ऑपरेट की थीं। विमानों के ग्राउंडेड होने के साथ इस साल मार्च तक ये आंकड़ा घटकर 1,642 पर आ गया।