
इस साल भी आईटी कंपनियां में कम मिलेंगी नौकरियांः रिपोर्ट
नेसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा का अनुमान है कि कर्मचारी संघ को पिछले दो बैचों में 20,000-25,000 छात्रों से ऑनबोर्डिंग में देरी की शिकायतें मिली हैं। हमारा तर्क यह है कि यदि व्यवसाय मंदा था, तो इन नए लोगों को इतने सारे ऑफर लेटर जारी करने की क्या आवश्यकता थी?

अमेरिका में मंदी की आशंकाओं के बीच आईटी कंपनियां इस साल भी कम नौकरियां देंगी। स्टाफिंग फर्म टीमलीज डिजिटल ने वित्त वर्ष 24 में साल-दर-साल 30 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है। इसके अलावा, इंजीनियरिंग कॉलेजों के 2022 और 2023 बैच के हजारों नए छात्रों को, जिन्होंने कैंपस में या बाहर आईटी सेवा कंपनियों में नौकरियां हासिल कीं, उन्हें ऑनबोर्डिंग में अंतहीन देरी का सामना करना पड़ रहा है।इनमें से कई फ्रेशर ऐसे हैं जिन्हें पिछले साल लेटर मिला था लेकिन उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई हैं क्योंकि कई आईटी कंपनियों ने हायरिंग में देरी की है।
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नेसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा का अनुमान है कि कर्मचारी संघ को पिछले दो बैचों में 20,000-25,000 छात्रों से ऑनबोर्डिंग में देरी की शिकायतें मिली हैं। हमारा तर्क यह है कि यदि व्यवसाय मंदा था, तो इन नए लोगों को इतने सारे ऑफर लेटर जारी करने की क्या आवश्यकता थी? आरिन कैपिटल के अध्यक्ष और इंफोसिस के पूर्व सीएफओ टीवी मोहनदास पई कहते हैं कि आज के फ्रेशर्स कल के नेता हैं और उद्योग के लिए यह जरूरी है कि वह कम से कम टियर II कॉलेजों की शीर्ष प्रतिभाओं के लिए खुद को आकर्षक बनाए। पई कहते हैं, बहुत से लोग मैनेजर और पेन पुशर बनने के लिए चार-पांच साल के बाद कोड लिखना बंद कर देते हैं। नए लोगों को मौका देने की जरूरत है लेकिन इस साल भी आईटी में नौकरियां के इतने अच्छे दिन नहीं है जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था।
