Kashi-Tamil Sangamam के उद्घाटन में बोले PM Modi, 25 साल में बनेंगे विकसित देश
PM मोदी ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्र एक राजनीतिक परिभाषा रही है, लेकिन भारत एक राष्ट्र के तौर पर आध्यात्मिक आस्थाओं से बना है। भारत को एक बनाया है आदि शंकराचार्य और रामानुजाचार्य जैसे संतों ने, जिन्होंने अपनी यात्राओं से भारत की राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया।

PM Modi रविवार को दो दिवसीय दौरे पर Varanasi पहुंचे। पीएम ने नमो घाट पर Kashi Tamil Sangamam का शुभारंभ किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर उद्घाटन किया।उन्होंने Kanyakumari और वाराणसी के बीच काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। 17-31 दिसंबर तक आयोजित होने वाले काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु और पुडुचेरी के 1,400 गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे। पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत "हर हर महादेव" के उद्घोष के साथ की। उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु से काशी आने का मतलब, महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना है। पीएम ने कहा कि जो लोग तमिलनाडु से आए हैं, उन्हें मेरे भाषण का तमिल अनुवादित संस्करण सुनने के लिए ईयरफोन का इस्तेमाल करना चाहिए। पहली बार एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
'25 साल में देश विकसित भारत बनके रहेगा'
काशी तमिल संगमम में पीएम के भाषण में उन्होंने एक नया प्रयोग किया। तमिल समझने वाले दर्शकों के लिए भाषिनी के माध्यम से एक साथ एआई आधारित तमिल अनुवाद किया गया। उन्होंने कहा, काशी और तमिल के बीच संबंध भावनात्मक होने के साथ-साथ रचनात्मक भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर 140 करोड़ देशवासी इस संकल्प से भर जाएं कि अब देश को आगे ले जाना है, हर एक की जिंदगी बदलनी है।तो अगले 25 साल में देश विकसित भारत बनके रहेगा।
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'दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्र एक राजनीतिक परिभाषा रही है'
PM मोदी ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में राष्ट्र एक राजनीतिक परिभाषा रही है, लेकिन भारत एक राष्ट्र के तौर पर आध्यात्मिक आस्थाओं से बना है। भारत को एक बनाया है आदि शंकराचार्य और रामानुजाचार्य जैसे संतों ने, जिन्होंने अपनी यात्राओं से भारत की राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया।
उन्होंने कहा, आप दुनिया की कोई भी सभ्यता देख लीजिये, विविधता में आत्मीयता का ऐसा सहज और श्रेष्ठ स्वरूप आपको शायद ही कहीं मिलेगा। अभी हाल ही में G-20 समिट के दौरान भी दुनिया भारत की इस विविधता को देखकर चकित थी। जब उत्तर में आक्रांताओं द्वारा हमारी आस्था के केन्द्रों पर, काशी पर आक्रमण हो रहे थे, तब राजा पराक्रम पाण्डियन् ने तेनकाशी और शिवकाशी में ये कहकर मंदिरों का निर्माण कराया कि काशी को मिटाया नहीं जा सकता। मुझे विश्वास है, काशी-तमिल संगमम का ये संगम, इसी तरह हमारी विरासत को सशक्त करता रहेगा, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत बनाता रहेगा।