Landing नहीं कर पाने को लेकर DGCA का Air India और Spice Jet के पायलट को फटकार, 15 दिन में मांगा जवाब
दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया कि, 'एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक-ऑफ जारी है, लेकिन नॉन CAT III कंप्लाइंट ट्रेंड पायलट वाली फ्लाइट्स प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपडेटेड फ्लाइट इनफार्मेशन के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 4 जनवरी को Air India और Spice Jet एयरलाइंस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दोनों एयरलाइंस को ये नोटिस कम प्रशिक्षित पायलटों को फ्लाइट सौंपने के लिए दिया गया है और इनसे 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। DGCA ने दोनों एयरलाइंस से जवाब मांगा है कि कम विजिबिलिटी में स्पेशलिस्ट पायलटों को क्यों नहीं भेजा गया। दरअसल, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लो विजीबिलिटी (Low-Visibility) के कारण पायलट फ्लाइट लैंड नहीं करा सके थे। इस कारण 50 से अधिक विमानों का रूट बदलना पड़ा था। DGCA के अधिकारी ने पुष्टि की है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर 24-25 और 27-28 दिसंबर की मध्यरात्रि के बीच बड़ी संख्या में उड़ानों के रूट बदलने की सूचना मिली थी। इन फ्लाइट्स में नॉन-CAT III कंप्लाइंट पायलट थे। इन एयरलाइंस ने कोहरे के दौरान फ्लाइट्स में उन पायलटों को रोस्टर किया, जिन्हें कम विजिबिलिटी में उड़ान भरने या लैंडिंग करने के लिए ट्रेनिंग नहीं मिली थी। इन एयरलाइंस को नॉन-CAT III ट्रेंड पायलटों को रोस्टर करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
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एयरपोर्ट के अधिकारियों ने एंटी-फॉग लैंडिंग सिस्टम शुरू किया था, जिसे तकनीकी रूप से CAT III इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) कहा जाता है। रनवे विजिबिलिटी लेवल कम होने पर CAT III सिस्टम एक्यूरेट अप्रोच और लैंडिंग में मदद करती है। 26 दिसंबर को विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिरने से दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक, 50 मीटर की दृश्यता को जीरो विजिबिलिटी माना जाता है। सुबह 8.30 बजे विजिबिलिटी में थोड़ा सुधार हुआ था, जब विजिबिलिटी 75 मीटर थी, लेकिन यह फिर से घटकर 50 मीटर रह गई थी। दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया कि, 'एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेक-ऑफ जारी है, लेकिन नॉन CAT III कंप्लाइंट ट्रेंड पायलट वाली फ्लाइट्स प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपडेटेड फ्लाइट इनफार्मेशन के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।'