
July में 7.44% पर CPI, 15 महीने की ऊंचाई पर आंकड़ा, RBI की टॉलरेंस लिमिट से ऊपर
मई से पहले अप्रैल में CPI का आंकड़ा 4.7%, मार्च में 5.66% और फरवरी में 6.44% रहा था। पिछले साल दिसंबर 2022 में रिटेल महंगाई दर 5.72% और नवंबर में 5.88% थी। कई एक्सपर्ट इस बात की उम्मीद जता रहे थे कि टमाटर की बढ़ती कीमतों की वजह रिटेल महंगाई दर 6.4% तक पहुंच सकती है। लेकिन ये उसके भी पार चली गई।

महंगाई ने जुलाई में रिकॉर्ड तोड़ दिया है। टमाटर विलेन बनकर ऊभरा है। रिटेल महंगाई दर (CPI) 15 महीने के हाई पर पहुंच गई है। RBI के टारगेट रेंज को पार करते हुए जुलाई में ये आंकड़ा 7.44% को छू गया है। इसके पहले अप्रैल, मई और जून में रिटेल महंगाई दर 5% के नीचे बनी हुई थी। इस साल जनवरी से लेकर मई तक रिटेल महंगाई दर में लगातार नरमी दिखाई दी थी, लेकिन जून से महंगाई ने यू-टर्न लिया और महंगाई दर बढ़कर 4.81% पर पहुंच गई थी। जुलाई में इसने रिकॉर्ड ही बना डाला। महंगाई के बाद बॉन्ड यील्ड बढ़ने की उम्मीद है। इसका असर बाजार पर क्या पड़ेगा ये बुधवार को दिखाई देगा।
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मई से पहले अप्रैल में CPI का आंकड़ा 4.7%, मार्च में 5.66% और फरवरी में 6.44% रहा था। पिछले साल दिसंबर 2022 में रिटेल महंगाई दर 5.72% और नवंबर में 5.88% थी। कई एक्सपर्ट इस बात की उम्मीद जता रहे थे कि टमाटर की बढ़ती कीमतों की वजह रिटेल महंगाई दर 6.4% तक पहुंच सकती है। लेकिन ये उसके भी पार चली गई। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक जून में टमाटर की कीमतें 33 रुपये प्रति किलो थीं, जो कि पिछले महीने तीन गुना बढ़कर 110 रुपये प्रति किलो पहुंच गई, जबकि पिछले साल जुलाई में टमाटर के भाव 39 रुपये प्रति किलो थे। टमाटर का रिटेल महंगाई दर में 0.57% का वेटेज है, यानी अगर टमाटर की कीमतें तीन गुना बढ़ती हैं तो तय है कि CPI में 1% से ज्यादा का इजाफा होगा।
