हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर क्या बोले दिग्गज निवेशक बसंत महेश्वरी ? - जानिए 

उनकी टिप्पणी में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, जो इस रिपोर्ट की गंभीरता और इसके संभावित प्रभावों को समझने में मदद करते हैं।

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िंडनबर्ग रिपोर्ट पर क्या बोले दिग्गज निवेशक बसंत महेश्वरी
िंडनबर्ग रिपोर्ट पर क्या बोले दिग्गज निवेशक बसंत महेश्वरी

By Aryan Jakhar:

बासंत महेश्वरी ने हाल ही में हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अपने विचार साझा किए हैं, जो अडानी समूह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाती है। उनकी टिप्पणी में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, जो इस रिपोर्ट की गंभीरता और इसके संभावित प्रभावों को समझने में मदद करते हैं।

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें फंडिंग के स्रोतों की पारदर्शिता की कमी और शेयरों की कीमतों में अनियमितता शामिल है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अडानी समूह ने अपने शेयरों की कीमत को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए राउंड ट्रिपिंग की है, जिसमें पैसे को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में घुमाया जाता है ताकि यह दिखाया जा सके कि शेयरों की मांग बढ़ रही है।

महेश्वरी ने बताया कि पिछले साल जब हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी, तब सेबी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी। इस बार भी, रिपोर्ट में सेबी के अध्यक्ष माधवी पुरी बुच का नाम लिया गया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने अडानी समूह के साथ मिलीभगत की है।

सेबी की भूमिका

महेश्वरी ने सेबी की भूमिका पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को निर्देशित किया था कि वह अडानी समूह के शेयरों की खरीद के स्रोतों की जांच करे, तब सेबी ने क्या कदम उठाए हैं, यह एक बड़ा सवाल है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि माधवी पुरी बुच और उनके पति ने अडानी समूह के शेयरों में निवेश किया था, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि क्या यह निवेश उनके पद के कारण संभावित हितों के टकराव का मामला है।

निवेशकों की चिंता

महेश्वरी ने कहा कि इस रिपोर्ट के बाद निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि जब ऐसी रिपोर्ट आती हैं, तो स्टॉक मार्केट में अस्थिरता आ जाती है। निवेशक यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या उन्हें अपने निवेश को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।

हिंडनबर्ग की रणनीति

महेश्वरी ने हिंडनबर्ग की रणनीति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलर के रूप में काम करता है, जिसका मतलब है कि वह कंपनियों के खिलाफ नकारात्मक रिपोर्ट जारी करके उनके शेयरों की कीमतों को गिराने का प्रयास करता है। रिपोर्ट के अंत में, हिंडनबर्ग ने स्पष्ट किया है कि उनके पास अडानी समूह के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन है, जिसका अर्थ है कि वे इस गिरावट से लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

बासंत महेश्वरी ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यह स्थिति केवल अडानी समूह के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय स्टॉक मार्केट के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और इस प्रकार की रिपोर्टों का गंभीरता से मूल्यांकन करना चाहिए।

यह मामला न केवल अडानी समूह की वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह भारतीय बाजार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लगा सकता है। महेश्वरी ने सुझाव दिया कि सरकार और नियामक संस्थाओं को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए ताकि निवेशकों का विश्वास बना रहे।

इस प्रकार, बासंत महेश्वरी की टिप्पणी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रभावों और अडानी समूह की स्थिति पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो आने वाले समय में भारतीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

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