Bengaluru IT Sector में 14 घंटे काम करने का प्रस्ताव? सोशल मीडिया पर भड़के लोग !
आईटी कंपनियां चाहती हैं कि उनके प्रस्ताव को संशोधन में शामिल किया जाए, जिससे कानूनी कार्य समय बढ़कर 14 घंटे (12 घंटे + 2 घंटे ओवरटाइम) हो जाएगा।

Infosys के सह-संस्थापक Narayana Murthy द्वारा युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने का सुझाव दिए जाने के एक साल बाद, अब कर्नाटक की आईटी फर्मों ने राज्य सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसमें कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ाकर 14 घंटे करने की मांग की गई है। सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि राज्य सरकार कर्नाटक दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961 में संशोधन करने पर विचार कर रही है।
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श्रम कानून
आईटी कम्पनियां चाहती हैं कि उनके प्रस्ताव को संशोधन में शामिल किया जाए, जिससे कानूनी तौर पर कार्य समय 14 घंटे (12 घंटे + 2 घंटे ओवरटाइम) हो जाएगा। वर्तमान में, श्रम कानून 12 घंटे (10 घंटे + 2 घंटे ओवरटाइम) तक काम करने की अनुमति देते हैं। आईटी क्षेत्र ने अपने नए प्रस्ताव में कहा है कि आईटी/आईटीईएस/बीपीओ क्षेत्र के कर्मचारियों को लगातार तीन महीनों में प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक और 125 घंटे से अधिक काम करने की आवश्यकता हो सकती है या इसकी अनुमति दी जा सकती है। सूत्रों ने India Today को बताया कि Siddaramaiah सरकार ने इस मामले पर प्रारंभिक बैठक की है और आगे के निर्णय जल्द ही लिए जाएंगे।
KITU ने इस प्रस्ताव का किया विरोध
हालांकि, कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (KITU) ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि काम की शिफ्टों की संख्या कम होने से एक तिहाई कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। यूनियन ने कहा कि इस संशोधन से कंपनियों को मौजूदा तीन शिफ्ट प्रणाली के बजाय दो शिफ्ट प्रणाली अपनाने की अनुमति मिल जाएगी और एक तिहाई कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। यूनियन ने आईटी कर्मचारियों के बीच काम के घंटों को बढ़ाने के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर किए गए अध्ययनों की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा केसीसीआई (KCCI) की रिपोर्ट के अनुसार, आईटी क्षेत्र (IT Sector) में 45% कर्मचारी अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और 55% शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का सामना कर रहे हैं। काम के घंटे बढ़ाने से यह स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी।
कर्मचारी संघ ने भी लगाया आरोप
कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कर्मचारियों को इंसान नहीं बल्कि महज मशीन समझती है और सिद्धारमैया सरकार से इस पर पुनर्विचार करने और आईटी कंपनियों द्वारा रखी गई मांग को लागू न करने का आग्रह किया। बयान में कहा गया, "यह संशोधन दिखाता है कि कर्नाटक सरकार कर्मचारियों को इंसान मानने को तैयार नहीं है, जिन्हें जीवित रहने के लिए निजी और सामाजिक जीवन की जरूरत होती है। इसके बजाय, वह उन्हें महज कॉरपोरेट्स के मुनाफे को बढ़ाने वाली मशीनरी मानती है, जिनकी वह सेवा करती है।"
Narayana Murthy ने साक्षात्कारों में दिया था सुझाव
पिछले वर्ष, कई साक्षात्कारों में मूर्ति ने सुझाव दिया था कि भारत के युवाओं को देश की कार्य संस्कृति को उन्नत करने तथा वैश्विक मंच पर प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
Mohandas Pai से बातचीत के दौरान Narayana Murthy ने कही थी यह बात
Infosys के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी Mohandas Pai के साथ बातचीत में मूर्ति ने भारत की कार्य उत्पादकता की अत्यंत खराब स्थिति की ओर ध्यान दिलाया, जो विश्व में सबसे निम्नतम स्थानों में से एक है। Narayana Murthy बातचीत के दौरान कहा - इसलिए, मेरा अनुरोध है कि हमारे युवाओं को कहना चाहिए, 'यह मेरा देश है। मैं सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहता हूँ। यह ठीक वैसा ही है जैसा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनों और जापानियों ने किया था... उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक जर्मन कुछ वर्षों तक अतिरिक्त घंटे काम करे।