RBI ने नहीं बढ़ाई ब्याज दरें, दूसरी बार कोई बदलाव नहीं
उम्मीद के मुताबिक ही रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में लगातार दूसरी बार कोई बदलाव नहीं किया। इस फैसले की वजह महंगाई दर में आई कमी रही है। महंगाई दर में आई कमी ने भी RBI को रेपो रेट ना बढ़ाने का फैसला करने में मदद की है।पॉलिसी के एलान के दौरान RBI गवर्नर ने दावा किया कि दुनियाभर में छाई आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने दमखम दिखाया है।

उम्मीद के मुताबिक ही रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में लगातार दूसरी बार कोई बदलाव नहीं किया। इस फैसले की वजह महंगाई दर में आई कमी रही है। महंगाई दर में आई कमी ने भी RBI को रेपो रेट ना बढ़ाने का फैसला करने में मदद की है।पॉलिसी के एलान के दौरान RBI गवर्नर ने दावा किया कि दुनियाभर में छाई आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने दमखम दिखाया है। ऐसे में इस साल भारत फिर से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी बना रह सकता है।
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हालांकि पॉलिसी के एलान से अब इस बात की संभावना कम लग रही है कि आरबीआई इस साल रेपो रेट में कमी का एलान करेगा। इसकी वजह है कि महंगाई दर में कमी के बावजूद ये अभी भी लक्ष्य के ऊपर बनी हुई है। इस साल RBI ने महंगाई दर 5.1 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान जाहिर किया है।ऐसे में अगर महंगाई दर अनुमान से कम नहीं रही तो फिर रेपो रेट घटाने का फैसला करना मुश्किल हो सकता है।
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हालांकि पॉलिसी में रेपो रेट में बदलाव ना किए जाने से कारोबार जगत खासकर रियल एस्टेट सेक्टर काफी खुश है। लेकिन कारोबार जगत समेत हर किसी के लिए पॉलिसी का ये रुख तब तक मनचाहा बना रहेगा जब तक कि सामान्य मानसून समेत तमाम संकेतक अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करेंगे। अगर इस साल अल नीनो के असर से सूखा पड़ा तो फिर महंगाई बढ़ने समेत ग्रामीण डिमांड पर बुरा असर पड़ेगा जिससे इकॉनमी को नुकसान हो सकता है।