Exclusive: सुख सुविधाओं से जेल में रह रहा है DHFL का पू्र्व मालिक Wadhawan
साल 2020 में अपनी गिरफ्तारी से पहले भी वधावन बंधुओं और उनके परिवार ने सुर्खियां बटोरी थीं. तब कोविड चरम पर था और महाराष्ट्र में लॉकडाउन था। इसके बावजूद वधावन परिवार एक सीनियर आईपीएस ऑफिसर की मदद से खंडाला से निकलकर अपने महाबलेश्वर के फार्म हाउस पहुंच गए थे।

34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में Mumbai जेल में बंद DHFL के पूर्व प्रमोटर Kapil और Dhiraj Wadhawan के मामले में नया खुलासा हुआ है। हमारे सहयोगी चैनल आजतक के स्पेशल ऑपरेशन में सामने आया है कि जेल प्रशासन की मेहरबानी से ये जेल में ऐश काट रहे हैं। दोनों मेडिकल जांच के नाम पर अस्पताल जाते हैं, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं। इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते नजर आते हैं। इस दौरान कपिल और धीरज वधावन के घर के लोग और अन्य सहयोगी भी मौजूद रहते हैं।
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आजतक के ऑपरेशन में सामने आया है कि दोनों भाइयों को मेडिकल चेकअप के नाम पर हफ्ते में 3-4 बार जेल से अस्पताल ले जाया जाता है। यहां अस्पताल में इलाज की जगह दोनों अपनी कारों में बैठकर परिवार और आपसी लोगों से मुलाकात करते हैं। मोबाइल और लैपटॉप इस्तेमाल करते हैं। बिजनेस करते हैं। दिनभर लोगों से मुलाकात करते हैं। इन दोनों को ये स्पेशल ट्रीटमेंट तब से चल रहा है, जब से दोनों को तलोजा जेल भेजा गया है।
दोनों भाइयों को स्पेशल ट्रीटमेंट
आजतक के ऑपरेशन में दोनों भाइयों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इनमें दोनों को स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता दिख रहा है। 7 अगस्त को मुंबई के KEM हॉस्पिटल में कपिल ब्लू शर्ट पहने नजर आ रहे हैं, जबकि 9 अगस्त को धीरज वधावन जेजे हॉस्पिटल में दिख रहे हैं। धीरज के साथ उनका बच्चा भी दिख रहा है। इस दौरान वधावन बंधू पारिवारिक और बिजनेस से जुड़ी चर्चा करते दिख रहे हैं। इस दौरान वे स्पेशल लाया गया खाना भी खाते हैं और कॉफी भी पीते नजर आते हैं।
जांच के बाद एक्शन लेंगे- फडणवीस
आजतक के स्टिंग पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम Devendra Fadnavis का बयान आया है। उन्होंने कहा कि मामले में जांच कराई जाएगी, इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी। उधर, डीसीपी Sanjay Patil ने आजतक से बातचीत में कहा कि वाधवन भाइयों को जो कर्मचारी अस्पताल लेकर जाते हैं, वह नवी मुंबई पुलिस डिपार्टमेंट का ही स्टाफ है और इस खबर जो हमने देखी है वह PRIMA FACIE सही लग रही है। सब पर कार्रवाई की जाएगी।
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34 हजार करोड़ के घोटाले में आरोपी हैं दोनों भाई
वधावन बंधुओं पर 17 बैंकों से 34 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। धीरज वधावन को 26 अप्रैल 2020 को Yes Bank मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। ये केस यस बैंक के सीईओ Rana Kapoor के साथ मिलकर कथित 3700 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी से जुड़ा है। अपनी गिरफ्तारी के बाद वधावन ने जेल से ज्यादा समय अस्पताल में रहकर बिताया। CBI द्वारा 7 मार्च को वधावन बंधुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। इसमें यह आरोप लगाया गया था कि येस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और वधावन बंधुओं ने एक-दूसरे को लाभ पहुंचाया है। यस बैंक के द्वारा 'अनियमित तरीके से' वधावन बंधुओं को लोन दिया गया। इसके बाद ED ने वधावन बंधुओं, राणा कपूर, कपूर की पत्नी बिंदू कपूर, उनकी बेटियों रोशनी और रेखा तथा उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म डीके जैन ऐंड एसोसिएट्स के खिलाफ 15 जुलाई को मामला दर्ज किया था।
कोविड के नाम पर ली छूट
साल 2020 में अपनी गिरफ्तारी से पहले भी वधावन बंधुओं और उनके परिवार ने सुर्खियां बटोरी थीं। तब कोविड चरम पर था और महाराष्ट्र में लॉकडाउन था। इसके बावजूद वधावन परिवार एक सीनियर आईपीएस ऑफिसर की मदद से खंडाला से निकलकर अपने महाबलेश्वर के फार्म हाउस पहुंच गए थे।