भारत की रेजिडेंशियल मार्केट में बड़े बदलाव के संकेत!
देश में बढ़ती मिलेनियल्स और जेनरेशन जेड की आबादी के दम पर भारत के रेजिडेंशियल मार्केट में आगे भी तेजी जारी रहने की संभावना जेएलएल की रिपोर्ट में जताई गई है। इसका सीधा मतलब है कि युवाओं को अब रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करना रास आ रहा है।

देश में बढ़ती मिलेनियल्स और जेनरेशन जेड की आबादी के दम पर भारत के रेजिडेंशियल मार्केट में आगे भी तेजी जारी रहने की संभावना जेएलएल की रिपोर्ट में जताई गई है। इसका सीधा मतलब है कि युवाओं को अब रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करना रास आ रहा है।
JLL का अनुमान है कि 2030 तक नए घर खरीदारों में मिलेनियल्स और जेनरेशन जेड की 60 फीसदी हिस्सेदारी होगी। वहीं शहरी इलाकों में घरों का मालिकाना 2025 तक 72 फीसदी होने का दावा भी इस रिपोर्ट में किया गया है जबकि 2020 में ये केवल 65 परसेंट था।
इस बदलाव की वजह आसानी से मिलने वाला फाइनेंस, सरल सरकारी नीतियां और युवाओं की प्रॉपर्टी में बढ़ती दिलचस्पी है, जो रियल एस्टेट बाजार को एक नई दिशा दे रहे हैं। अगर बात करें रियल एस्टेट के मौजूदा हालात की तो रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरीकरण, इनवोशन और ग्राहकों की जरुरतों में बदलाव से घरो की डिमांड में तेजी आ रही है। इसमें कहा गया है कि 2024 देश के टॉप शहरों में अबतक का सबसे अच्छा साल साबित हो सकता है।
JLL की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल के पहले 9 महीनों के दौरान इन टॉप-7 हाउसिंग मार्केट्स में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा घरों की बिक्री हुई है जो नया रिकॉर्ड है। इन घरों की कुल कीमत 3.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रही है। यानी देश में एक अपार्टमेंट की औसत कीमत 1.64 करोड़ रुपये हो गई है। ऐसे में 2024 के आखिर तक 3 लाख से ज्यादा घरों की बिक्री होने की उम्मीद है। जिनकी कुल कीमत 5.1 लाख करोड़ रुपये हो सकती है।
जानकारों का भी मानना है कि आर्थिक हालात में सुधार, महंगाई और EMI के घटने से 2025 भी रियल एस्टेट में दमदार प्रदर्शन कर सकता है। हालांकि 2024 में हाउसिंग सेल्स वैल्यी में आई तेजी की वजह प्रीमियम घरों की डिमांड में हुई बढ़ोतरी है। दिल्ली एनसीआर ने तो महंगे घरों की बिक्री में देश के सभी हाउसिंग मार्केट्स को पीछे छोड़ दिया है। आन वाले साल में छोटे शहरों के रियल एस्टेट में भी तेजी आने का अनुमान जताया जा रहा है।
सस्ते और स्मार्ट घरों की मांग बढ़ने से जयपुर, इंदौर, कोच्चि जैसे शहरों में 2025 तक 40 परसेंट से ज्यादा नए मकान बनेंगे। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आने वाले बरसों में ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स की हिस्सेदारी 30 परसेंट तक पहुंच सकती है, जो 2020 में 15 परसेंट थी। कुल मिलाकर, भारत का रियल एस्टेट बाजार काफी तेजी से विकास कर रहा है और इसमें युवाओं की दिलचस्पी बढ़ रही है। इस विकास में छोटे शहरों की भूमिका और सस्ते घरों की पहल से रेजिडेंशियल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।

