खरीद लें ये दिग्गज डिफेंस पीएसयू स्टॉक! नए ऑर्डर्स से ब्रोकरेज बुलिश - चेक करें टारगेट प्राइस
ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी की आने वाले साल में ग्रोथ ट्राजेक्टरी और तेज हो सकती है। FY25 में कंपनी का उत्पादन मूल्य ₹1,119 करोड़ रहा, जो रक्षा मंत्रालय के टारगेट का 99.5% है।

Defence Stock to BUY: एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने डिफेंस पीएसयू स्टॉक मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders Ltd) पर अपनी ‘Buy’ रेटिंग दोहराई है और कंपनी की रणनीतिक निवेश योजनाओं और संभावित ऑर्डर्स को ग्रोथ ट्रिगर बताया है।
ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी शिपबिल्डिंग सेक्टर में मजबूत स्थिति रखती है और आने वाले साल में इसकी ग्रोथ ट्राजेक्टरी और तेज हो सकती है। खबर लिखे जानें तक शेयर सुबह 11:13 बजे तक डिफेंस पीएसयू स्टॉक एनएसई पर 0.24% या 6.60 रुपये चढ़कर 2,737.60 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं बीएसई पर शेयर 0.20% या 5.50 रुपये चढ़कर 2736.85 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
मझगांव डॉक ने न्हावा गांव में नया ड्राई डॉक बनाने की योजना शुरू की है, जिससे इसकी शिपबिल्डिंग क्षमता लगभग दोगुनी हो जाएगी। FY25 में कंपनी का उत्पादन मूल्य ₹1,119 करोड़ रहा, जो रक्षा मंत्रालय के टारगेट का 99.5% है।
ऑर्डर पाइपलाइन और संभावनाएं
एंटीक ब्रोकिंग का मानना है कि तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों और छह P75-I पनडुब्बियों के संभावित ऑर्डर कंपनी के ऑर्डर बुक को काफी मजबूत करेंगे और मीडियम टर्म में रेवेन्यू को बढ़ाएंगे। ब्रोकरेज ने कहा कि हमें लगता है कि मार्जिन पर दबाव डालने वाली तिमाही अस्थिरता अब पीछे छूट गई है।
Mazagon Dock Share Price Target
ब्रोकरेज ने ₹3,858 के टारगेट प्राइस के साथ Buy रेटिंग दी है। कंपनी को उम्मीद है कि अतिरिक्त तीन कलवरी-क्लास सबमरीन और छह P75I प्रोजेक्ट्स से लगभग ₹1.5 लाख करोड़ के ऑर्डर्स जुड़ सकते हैं।
FY25 में कंपनी ने ₹746 करोड़ की कुल प्रोविजन बनाई, जिनमें से ₹521 करोड़ दो प्रोजेक्ट्स पर संभावित घाटे से जुड़े थे। यह प्रोविजन प्रोजेक्ट की प्रगति के साथ समय-समय पर समीक्षा की जाती है।
कंपनी iDEX प्रोजेक्ट्स में भी सक्रिय है और Autonomous Underwater Swarm Drones जैसे इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
रणनीतिक स्तर पर, मझगांव डॉक को कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी में 51% हिस्सेदारी अधिग्रहण की मंजूरी मिल चुकी है। इस कदम से कंपनी को क्षेत्रीय स्तर पर शिपबिल्डिंग हब के रूप में पहचान मिलेगी और वैश्विक उपस्थिति बढ़ेगी।