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World Health Day: फिटनेस, रेगुलर चेकअप और डिजिटल हेल्थ, बदल रहा है Health Insurance

World Health Day 2025: आजकल बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और उनके इलाज का खर्च भी। World Health Day पर यह समझना जरूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) अब सिर्फ इलाज में मदद नहीं करता, बल्कि बीमारियों से बचाने का भी काम कर रहा है।

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World Health Day 2025
World Health Day 2025

आजकल बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और उनके इलाज का खर्च भी। World Health Day पर यह समझना जरूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) अब सिर्फ इलाज में मदद नहीं करता, बल्कि बीमारियों से बचाने का भी काम कर रहा है। हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अब प्रिवेंटिव केयर (Preventive Care) यानी बीमारी होने से पहले उसकी रोकथाम पर भी ध्यान दे रही हैं।

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SBI General Insurance के चीफ प्रोडक्ट और मार्केटिंग ऑफिसर Subramanyam Brahmajosyula के अनुसार भारत में हेल्थ कवरेज बढ़ने के साथ, इंश्योरेंस पॉलिसी में बचाव चिकित्सा को जोड़ना जरूरी हो गया है। समय पर देखभाल से न सिर्फ सेहत बेहतर होती है, बल्कि आर्थिक सुरक्षा भी मिलती है।

प्रिवेंटिव केयर क्या है?

प्रिवेंटिव केयर का मतलब उन तरीकों से है, जो हमें बीमारियों से बचाते हैं या शुरुआती स्टेज में ही उनका पता लगाने में मदद करते हैं। इसमें रेगुलर हेल्थ चेकअप (Regular Health Check-ups), वैक्सीनेशन (Vaccination), ब्लड टेस्ट, शुगर टेस्ट, हार्ट चेकअप जैसे स्क्रीनिंग टेस्ट (Screening Tests), एक्सरसाइज और डाइट प्लान (Fitness & Diet Plans) और डिजिटल हेल्थ मॉनिटरिंग जैसे फिटनेस बैंड और हेल्थ ऐप्स भी शामिल हैं।

SBI जनरल इंश्योरेंस के सुब्रमण्यम ब्रह्मजोस्युला ने कहा कि डिजिटल हेल्थ टूल्स और बीमा कंपनियों की नई सुविधाएं लोगों को सेहतमंद रहने में मदद कर रही हैं। अब इंश्योरेंस कंपनियां मानसिक स्वास्थ्य और फिटनेस पर भी खास ध्यान दे रही है। 

आजकल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां फिटनेस ट्रैकर्स, वियरेबल डिवाइसेज़ और हेल्थ ऐप्स का इस्तेमाल करने वालों को डिस्काउंट और रिवॉर्ड भी देती हैं, जिससे लोग अपनी सेहत का ज्यादा ध्यान रख सकते हैं।

भारत में बढ़ रही बीमारियां और उनकी रोकथाम

भारत में डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ICMR-INDIAB की 2023 रिपोर्ट बताती है कि 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज के शिकार हैं। ये बीमारियां लाइफस्टाइल से जुड़ी होती हैं और सही समय पर ध्यान देने से इन्हें रोका जा सकता है।

अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ चेकअप, डाइट कंसल्टेशन और फिटनेस प्रोग्राम्स को अपनी पॉलिसी में शामिल कर रही हैं। कुछ कंपनियां एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने वालों को प्रीमियम पर छूट और रिवॉर्ड्स भी दे रही हैं।

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस का महत्व

कुछ बीमारियां अचानक आती हैं और उनका खर्च बहुत ज्यादा होता है। इनमें कैंसर (Cancer), हार्ट अटैक (Heart Attack), स्ट्रोक (Stroke), ऑर्गन फेलियर (Organ Failure) जैसी गंभीर बीमारियां शामिल होती हैं।

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस इन बीमारियों का पता चलते ही एकमुश्त पैसा (Lump Sum Payment) देता है, जिससे इलाज, दवाइयों और दूसरे खर्चों में मदद मिलती है।

भविष्य में हेल्थ इंश्योरेंस और प्रिवेंटिव केयर का रोल

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आने वाले समय में हेल्थ इंश्योरेंस और भी स्मार्ट और डिजिटल होगा।AI-बेस्ड हेल्थ प्रेडिक्शन के जरिये बीमारी होने के पहले ही उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं, वर्चुअल हेल्थ कंसल्टेशन के माध्यम से पॉलिसी होल्डर डॉक्टर से ऑनलाइन सलाह ले सकते हैं। इसी तरह फिटनेस ट्रैकिंग और हेल्थ रिवॉर्ड्स एक्टिव लाइफस्टाइल को अपनाने में मदद करता है।