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भारत की शानदार GDP ग्रोथ से दुनिया भी हैरत में

तमाम एनालिस्ट उम्मीद कर रहे थे कि जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी रहने का अनुमान था। मतलब पहली तिमाही में ग्रोथ रेट रिजर्व बैंक के अनुमान से कुछ कम रही है।

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भारत की शानदार GDP ग्रोथ से दुनिया भी हैरत में
भारत की शानदार GDP ग्रोथ से दुनिया भी हैरत में

भारतीय अर्थव्यवस्था ने चालू वित्त वर्ष की शानदार तेजी दिखा कर दुनिया को हैरान कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पहली तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था ने शानदार 7.8 फीसदी की दर से ग्रोथ की है। यह दुनिया की किसी भी ताकतवर अर्थव्यवस्था की तुलना में सबसे तेज ग्रोथ रेट है।

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NSO ने पहली तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े को जारी किए। NSO के आंकड़ों के अनुसार, साल भर पहले की समान तिमाही यानी जून 2022 तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 13.1 फीसदी रही थी। उसकी तुलना में इस साल वृद्धि दर प्रभावित हुई है। पहली तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र ने 3.5 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की, जबकि कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ रेट 7.9 फीसदी रही। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने निराश किया, जिसकी ग्रोथ रेट कम होकर 4.7 फीसदी पर आ गई। 

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तमाम एनालिस्ट उम्मीद कर रहे थे कि जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी रहने का अनुमान था। मतलब पहली तिमाही में ग्रोथ रेट रिजर्व बैंक के अनुमान से कुछ कम रही है। रिजर्व बैंक के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की चारों तिमाहियों में क्रमश: 8 फीसदी, 6.5 फीसदी, 6 फीसदी और 5.7 फीसदी रह सकती है। इस तरह आरबीआई ने पूरे चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी की ग्रोथ रेट का अनुमान जाहिर किया है। 

कई एजेंसियां हाल-फिलहाल में भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित कर चुकी हैं।  IMF ने पहले 2023 के लिए ग्रोथ रेट 5.9 फीसदी रहने का अनुमान दिया था, जिसे उसने बाद में सुधारकर 6.1 फीसदी किया था। आईएमएफ ने 2024 में ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रहने का टारगेट सेट किया है। फिच रेटिंग ने भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.3 फीसदी किया था। 

इससे पहले मार्च 2023 तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 6.1 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की थी, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही थी। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया था। रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया था। हालांकि ग्रोथ रेट एक साल पहले की तुलना में कम हुई थी, क्योंकि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.1 फीसदी रही थी।

भारत इस अच्छे प्रदर्शन के साथ ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बना हुआ है और सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का दर्जा भी बरकरार है। अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के प्रदर्शन को देखें तो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका ने जून तिमाही के दौरान 2.1 फीसदी की दर से वृद्धि की। यह दर तिमाही आधार पर है। वहीं दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने जून तिमाही के दौरान साल भर पहले की तुलना में 6.3 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की। सालाना आधार पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था जून तिमाही के दौरान 0.4 फीसदी की दर से बढ़ी, जबकि जर्मनी 0.2 फीसदी की ग्रोथ रेट के साथ मंदी से बाहर आने में सफल रहा। जून तिमाही के दौरान सालाना आधार पर जापान की ग्रोथ रेट 6 फीसदी रही।

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