
LIC Front-Running Case: सेबी ने तीन लोगों पर लगाया बैन
बाजार नियामक सेबी ने अगले आदेश तक तीन व्यक्तियों, एक जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारी योगेश गर्ग और उनके रिश्तेदारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शेयर खरीदने, बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मामला LIC front-running से संबंधित है, जहां पांच संस्थाओं ने 2.44 करोड़ रुपये का अवैध प्रॉफिट कमाया।

बाजार नियामक SEBI ने अगले आदेश तक तीन व्यक्तियों, एक जीवन बीमा निगम (LIC) के कर्मचारी योगेश गर्ग और उनके रिश्तेदारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शेयर खरीदने, बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मामला LIC front-running से संबंधित है, जहां पांच संस्थाओं ने 2.44 करोड़ रुपये का अवैध प्रॉफिट कमाया।
इस सूची में योगेश गर्ग, उनकी मां सरिता गर्ग, उनकी सास कमलेश अग्रवाल, वेद प्रकाश एचयूएफ और सरिता गर्ग एचयूएफ शामिल हैं। HUF मतलब हिंदू अविभाजित परिवार से है।
वेद प्रकाश गर्ग के पुत्र योगेश गर्ग को 2011 में एलआईसी में सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) के रूप में नियुक्त किया गया था इसके बाद उन्होंने एलआईसी के कोलकाता, रोहतक और दिल्ली कार्यालयों में एएओ के रूप में काम किया। उन्होंने मई 2019 से अप्रैल 2022 तक मुंबई में एलआईसी के निवेश विभाग में एक प्रशासनिक अधिकारी (एओ) के रूप में भी काम किया। एलआईसी के निवेश विभाग को एक संवेदनशील विभाग माना जाता है।
सेबी ने कहा कि योगेश गर्ग को एलआईसी के शेयरों से जुड़ी कुछ गोपनीय जानकारी थी जिसका उन्होंने दुरूपयोग किया।
सेबी की एलआईसी को सलाह

सेबी ने एलआईसी को सलाह दी है कि वह अपनी मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा करे और अपने कर्मचारियों द्वारा निवेश गतिविधियों के संबंध में किसी भी धोखाधड़ी, हेरफेर रोकने के लिए कदम उठाए।