
Sahara प्रमुख Subrata Roy का निधन, निवेशकों का क्या होगा?
सहारा समूह ने एक बयान जारी कर बताया कि वे हाइपर टेंशन और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों से सुब्रत रॉय लड़ रहे थे और कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ। बिजनेस टुडे टेलीविजन की ओर से सुब्रत रॉय को श्रद्धांजलि..

Sahara India Group के प्रमुख Subrata Roy का निधन हो गया है। 75 साल की उम्र में उन्होंने Mumbai में आखिरी सांस ली। पिछले काफी दिनों से सुब्रत राय गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। देश में लोगों के बीच सुब्रत राय Sahara Shree के नाम से फेमस थे। उनकी गिनती भारत के बड़े कारोबारी के तौर पर होती थी। सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की थी। सुब्रत राय सहारा के निधन के बाद मौजूदा वक्त में सबसे बड़ा सवाल है कि अब छोटे निवेशकों का क्या होगा? क्या उनका पैसा वापस मिल सकेगा? क्या उनका पैसा डूब जाएगा? आइये समझते हैं... आ़पको बता दें कि देशभर के लाखों निवेशकों का पैसा सहारा ग्रुप की 4 कोऑपरेटिव सोसाइडीज में गाढ़ी कमाई जमा की थी। सहारा इंडिया में निवेश के मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी लोगों का पैसा वापस नहीं मिल रहा था। लंबे इंतजार के बाद लोगों में पैसे मिलने की आस जगी थी, लेकिन क्या सहारा चीफ के निधन के बाद ये आस सिर्फ आस बनकर रह जाएगी। ऐसे तमाम तमाम निवेशकों के मन में घूम रहे हैं? ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी के पास 9 करोड़ निवेशक और ग्राहक हैं। उनकी कुल संपत्ति दो लाख 59 करोड़ रुपए हैं। इसके अलावा उनके पास 5 हज़ार कैंपस और 30 हजार 970 एकड़ ज़मीन है। सुब्रत रॉय का कहना था कि उन्होंने उन लाखों ग़रीब और ग्रामीण भारतीयों को जोड़ा, जिनके पास बैंकिंग की सुविधा नहीं थी और इन्हीं के सहारे सहारा ग्रुप खड़ा किया, लेकिन बाज़ार नियामक SEBI ने जब उनके ख़िलाफ़ क़दम उठाए तो दशकों का बनाया हुआ साम्राज्य हिलने लगा।
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दरअसल, ये मामला सहारा ग्रुप की कंपनियों से जुड़ा था, जिन्होंने रीयल एस्टेट में निवेश के नाम पर तीन करोड़ से ज़्यादा निवेशकों से क़रीब 24 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए थे। यहां तक के सुब्रत रॉय को 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि न चुकाने पर 4 मार्च 2014 को जेल जाना पड़ा। अदालत ने तब कहा था कि जब तक वो पाँच हज़ार करोड़ रुपये नक़द और पाँच हज़ार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी नहीं देंगे, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा। हालांकि बाद में वो पैरोल पर बाहर भी निकले। इसके बाद Supreme Court के फैसले के बाद निवेशकों में आस जगी थी। आपको बता दें कि इसी साल जुलाई में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने फैसला लेते हुए सहारा रिफंड पोर्टल लांच किया था। इसके बाद करीब 10 करोड़ निवेशकों को बड़ी खुशखबरी मिली थी। इसके तहत उन निवेशकों का पैसा वापस मिलता था। जिनकी स्कीम की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी थी। इन निवेशकों में सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्री के जरिए लांच किए गए पोर्टल में शुरुआती चरण में 10 हजार रुपये तक का दावा कर सकते हैं। ऐसे करीब 4 करोड़ निवेशक हैं, जो 10 हजार रुपये तक पाने के पात्र हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के पहल ।के बाद अगस्त से सहारा इंडिया की कोऑपरेटिव सोसाइडीज में जमा छोटे निवेशक करोड़ों रुपये की जमापूंजी लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि अब तक 18 लाख निवेशकों ने 'CRCSसी-सहारा रिफंड पोर्टल' पर रजिस्ट्रेशन कराया है और 112 निवेशकों के बैंक खाते में करीब 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं ऑडिट पूरा होने के बाद अगली किस्त भी जल्द ही ट्रंसफर कर दी जाएगी और आने वाले दिनों में सभी निवेशकों का पैसा वापस मिलेगा. सरकार की जिम्मेदारी है कि निवेशकों का पैसा वापस मिले। निवेशकों का पैसा सेबी और सरकार के पास है और ऑनलाइन आवदेन करने वालों को मिलना तय है। यानि आपकों घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार का साफ तौर पर कहना है कि उनका पैसा उनकों वापस मिलेगा।सहारा समूह ने एक बयान जारी कर बताया कि वे हाइपर टेंशन और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों से सुब्रत रॉय लड़ रहे थे और कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ। बिजनेस टुडे टेलीविजन की ओर से सुब्रत रॉय को श्रद्धांजलि..
