Jammu-Kashmir में अनुच्छेद 370 पर Supreme Court में हुई सुनवाई, कल भी होगी सुनवाई

याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि इन बहस के दौरान नेहरु ने कहा था कि अगर आप बाहर के लोगों के जम्मू कश्मीर में ज़मीन खरीदने के बारे में बात कर रहे है तो मैं इसके खिलाफ हूँ। नेहरू का मानना था कि जम्मू कश्मीर में बाहर का कारोबार आने से वो राज्य को खत्म कर देगा।

Advertisement
Jammu-Kashmir में अनुच्छेद 370 पर Supreme Court में हुई सुनवाई
Jammu-Kashmir में अनुच्छेद 370 पर Supreme Court में हुई सुनवाई

By BT बाज़ार डेस्क:

Supreme Court में आज अनुच्छेद 370 मामले की सुनवाई हुई। ये सुनवाई कल भी जारी रहेगी। 370 मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के वकील सॉलिसिटर जनरल Tushar Mehta से पूछा कि Jammu-Kashmir की स्थिति राज्य से बदल कर केंद्र शासित प्रदेश करने पर याचिका कर्ताओं के उठाए दो मुद्दों का जवाब दें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब संसद की सहमति से छह छह महीनों के लिए और अधिकतम तीन साल के लिए ही राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है तो आपने उससे ज्यादा समय कैसे लगाया? तुषार मेहता ने कहा कि इस एक्ट से पहले कुछ श्रेणी के आरक्षण की सुविधा कश्मीर डिविजन के सीमावर्ती इलाकों में दी जाती थी, क्योंकि वहां अक्सर पाकिस्तान की ओर से हमले और गोलीबारी होती रहती थी। 

Also Read: वेदांता ने सरकार के खिलाफ जीता केस, स्टॉक्स पर होगी नज़र

SG ने कहा 1976 में संविधान का 42वां संशोधन किया गया था, लेकिन यह जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं हुआ। इस प्रकार संविधान की प्रस्तावना का मौलिक कर्तव्यों और अनुच्छेद 139ए में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता शब्द जम्मू और कश्मीर पर लागू नहीं किए गए। जब 2018 में राष्ट्रपति शासन लगा तो किसी ने इसे चुनौती नहीं दी। जब विधान सभा भंग हुई तो किसी ने इसे चुनौती नहीं दी। याचिकाकर्ताओं ने अनुच्छेद 3 के प्रावधान के निलंबन के पीछे की मंशा का तर्क दिया गया जबकि स्थापना के बाद से जब भी राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो अनुच्छेद 3 के प्रावधानों को निलंबित कर दिया जाता है। SG ने कहा एक और तर्क यह दिया गया कि राज्यों के पुनर्गठन ने जम्मू-कश्मीर राज्य को एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। एक केंद्रशासित प्रदेश एक राज्य की तरह ही संघीय ढांचे का एक हिस्सा है. सरकार को यह आवश्यक लगा कि कुछ समय के लिए यह संघ के अधीन रहे. जिसे बाद मे वापस कर दिया जाएगा।

Supreme Court में आज अनुच्छेद 370 मामले की सुनवाई हुई

इसी बीच याचिकाकर्ताओं की ओर से Kapil Sibal ने कहा कि इन बहस के दौरान नेहरु ने कहा था कि अगर आप बाहर के लोगों के जम्मू कश्मीर में ज़मीन खरीदने के बारे में बात कर रहे है तो मैं इसके खिलाफ हूँ। नेहरू का मानना था कि जम्मू कश्मीर में बाहर का कारोबार आने से वो राज्य को खत्म कर देगा। इस पर SG तुषार मेहता ने कहा कि ये मानना ग़लत था! मैं यहां राजनीतिक लिहाज से बात नहीं कर रहा, पर अगर एक नागरिक के लिहाज़ से देखा जाए तो अगर निवेश नहीं होगा तो तरक्की कैसे होगी? मंगलवार को भी संविधान पीठ में मामले की सुनवाई जारी रहेगी।

Also Read: Air India की इंटरनल सेफ्टी ऑडिट में मिली कमी, कई मामलों में फर्जी रिपोर्ट बनाने का आरोप

Read more!
Advertisement