iPhone इस्तेमाल पर चीनी सरकारी अधिकारियों पर रोक, कहा देश में बने फोन का इस्तेमाल करें
चीनी सरकार के आदेश से एप्पल को बड़ा झटका लग सकता है। चीनी अधिकारियों और कर्मचारियों को आदेश दिया गया है कि वो सरकारी काम के लिए एप्पल के आईफोन और विदेशी कंपनियों के डिवाइस यूज ना करें। यह आदेश एप्पल आईफोन की नई सीरीज के लॉन्च से एक हफ्ते पहले आया है।

China ने Apple सहित दूसरे देशों के डिवाइस के यूज पर रोक लगा दी है। हालांकि, यह रोक केवल सरकारी अधिकारियों पर लागू होगी। अधिकारियों से कहा गया है कि वह दफ्तर या किसी भी सरकारी जगह पर में इन डिवाइसों को न लाए और न ही काम के लिए यूज करें। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया है। चीन की सरकार ने अधिकारियों को देश में बने फोन को इस्तेमाल करने के लिए कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने एप्पल के अलावा अन्य फोन मैन्युफैक्चरर का नाम नहीं लिया है। अभी तक एप्पल ने इसके बारे में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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वहीं, चीन की सरकार ने भी इस पाबंदी के बारे में ऑफिशियल तौर कोई भी जानकारी नहीं दी है। तीन महीने पहले Russia ने America पर आईफोन से जासूसी करने का आरोप लगाया था। हालांकि एप्पल ने सभी आरोपों को खारिज किया था। एपल ने कहा था, हमने कभी भी किसी देश की सरकार के साथ मिलकर फोन में छेड़छाड़ नहीं की है और न ही कभी करेंगे। एप्पल 2025 तक 18% ग्लोबल आईफोन मैन्युफैक्चरिंग को भारत शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है।
बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) एप्पल को देश में मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि सरकार की PLI स्कीम केवल एप्पल की नहीं बल्कि इंडिया की मदद कर सकती है। यह स्कीम वित्त वर्ष 2026 तक मोबाइल फोन का डोमेस्टिक प्रोडक्शन 3 गुना बढ़ाकर 126 अरब डॉलर और निर्यात 5 गुना बढ़ाकर 55 अरब डॉलर करने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकती है। जियो पॉलिटिकल टेंशन और कोरोना महामारी के बाद एप्पल समेत अन्य अमेरिकी टेक दिग्गज भी चीन के बाहर अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के विस्तार पर काम कर रहे हैं।
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