Suzlon Energy ने किस कंपनी को खरीदा? इस डील के बाद स्टॉक बना रॉकेट!

इंट्रा डे में शुरुआती कामकाज में ही यह शेयर करीब 4.5% ऊपर चढ़ता हुआ दिखा। अब ऐसे में तमाम निवेशक जानना चाहेंगे कि Suzlon Energy एनर्जी में ये गिरावट क्यों थमी और स्टॉक क्यों दौड़ा? दरअसल कंपनी ने तमाम एक्सचेंजों को जानकारी दी कि उन्होंने एक बड़ी डील की है।

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By Harsh Verma:

रिटेल निवेशकों के पसंदीदा स्टॉक Suzlon Energy को लेकर बड़ी खबर आई है। अगर आप पिछले दो दिनों में देखें तो बाजार की गिरावट ने ज्यादातर स्टॉक को अपनी चपेट में लिया। जिसमें  Suzlon Energy भी अछूता नहीं रहा। विंड टर्बाइन बनाने वाली कंपनी Suzlon में दो दिन की गिरावट के बाद अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। इंट्रा डे में शुरुआती कामकाज में ही यह शेयर करीब 4.5% ऊपर चढ़ता हुआ दिखा। अब ऐसे में तमाम निवेशक जानना चाहेंगे कि Suzlon Energy एनर्जी में ये गिरावट क्यों थमी और स्टॉक क्यों दौड़ा? दरअसल कंपनी ने तमाम एक्सचेंजों को जानकारी दी कि उन्होंने एक बड़ी डील की है। जिसके बाद शेयरों अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। कंपनी की ये डील हुई है Renom Energy के साथ।

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Renom Energy में Suzlon Energy ने 76% अधिग्रहण करने का एलान किया है। ये एक्विजिशन दो हिस्सों में पूरा किया जाएगा। कंपनी ने बताया ₹400 करोड़ कैश में पहले ट्रांजैक्शन के तहत 51% हिस्सा अधिग्रहण किया जाएगा। इसके बाद बाकी बचे 25% हिस्से का अधिग्रहण अगले 18 महीने में किया जाएगा। ये एक्विजिशन कैश या शेयर स्वैप के जरिए हो सकता है। पहला ट्रांच 784 करोड़  रुपए के वैल्यूएशन पर अधिग्रहण किया जाएगा। वहीं दूसरे ट्रांजैक्शन की वैल्यू 1,040 करोड़ रुपए पर होगी। जून तिमाही के बाद कंपनी के पास ₹1,100 करोड़ का कैश बैलेंस था।

अब यहां समझने की जरूरत है कि आखिर Suzlon Energy ने  Renom Energy को क्यों खरीदा? कंपनी के लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है?

Renom Energy विंड टर्बाइन और सोलर एसेट्स से जुड़ी टेक्नोलॉजी और क्षमता के ऑपरेशन और मेंटेनेंस की सर्विसे मुहैया कराती है। आप ये समझिए ये कंपनी रेन्यूएबल एनर्जी स्पेस में लार्जेस्ट मल्टीब्रैंड ऑपरेशन्स और मेंटेन्स सर्विस प्रोवाइड करती है। कंपनी के पास भारत में लगभग 2.5 GW का एसेट अंडर मैनेजमेंट है। इस अधिग्रहण के बाद Suzlon Energy विंड एनर्जी सर्विसेज सेगमेंट्स में भी उतर सकेगी. इस सेगमेंट में अभी तक कंपनी की मौजूदगी नहीं है। Renom Energy की मौजूदगी 7 राज्यों में है और 14 अलग-अलग तरह के टर्बाइन्स के मेंटनेंस का काम करती है। कंपनी इलेक्ट्रॉनिक रिपेयर सर्विस के मजबूत कंटेंडर हैं। वहीं सुजलॉन अभी तक कंपनी विंड टर्बाइन बनाने का काम करती थी। कंपनी का कहना है कि इस अधिग्रहण के बाद रेन्यूएबल स्पेस में कंपनी की ग्रोथ और बेहतर होगी। 

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley ने Suzlon Energy के स्टॉक पर Overweight की राय के साथ 73 रुपए प्रति शेयर का लक्ष्य तय किया है। ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट ने अपने नोट में कहा कि दूसरी लिस्टेड कंपनियों के मुकाबले प्राइस-टू-सेल्स इम्प्लाइड वैल्युएशन 4x के साथ कम है। Suzlon Energy को कवरेज में शामिल रखने वाले 5 में से 3 एनालिस्ट ने शेयर पर Buy रेटिंग दी है. जबकि, 2 ने Hold की राय रखी है. 2024 में अब तक यह स्टॉक 80% से ज्यादा की तेजी दिखा चुका है. पिछले साल में इस स्टॉक में जबरदस्त तजी देखने को मिली थी।

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