भारतीय शेयर बाज़ार में आज बजट पेश किए जाने के बाद बाज़ार में गिरावट दर्ज की गई

बजट में शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कर बढ़ाने के फैसले ने निवेशकों को निराश कर दिया, जिसके कारण बाजार में गिरावट देखने को मिली।

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By Aryan Jakhar:

भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद भारी उठापटक का सामना किया। बजट में शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कर बढ़ाने के फैसले ने निवेशकों को निराश कर दिया, जिसके कारण बाजार में गिरावट देखने को मिली।

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बजट का प्रभाव

जैसे ही वित्त मंत्री ने शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर कर बढ़ाने की घोषणा की, बाजार में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। निवेशकों ने इस निर्णय को नकारात्मक रूप से लिया, जिससे बाजार में भारी बिकवाली शुरू हो गई।

बाजार का समापन

आज के कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 73 अंकों की गिरावट के साथ 80,429 अंकों पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 30 अंकों की गिरावट के साथ 24,479 अंकों पर क्लोज हुआ। यह गिरावट निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका थी, क्योंकि उन्होंने बाजार में सकारात्मकता की उम्मीद की थी।

मार्केट कैप में कमी

बजट के बाद भारतीय शेयर बाजार के मूड में आए बदलाव ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया। बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 446.50 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो पिछले कारोबारी सत्र में 448.32 लाख करोड़ रुपये था। आज के सत्र में निवेशकों को 1.82 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे बाजार की स्थिति और भी चिंताजनक हो गई।

निवेशकों की प्रतिक्रिया

निवेशकों ने इस बजट को लेकर प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह निर्णय दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक है, जबकि अन्य इसे बाजार के लिए हानिकारक मानते हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में गिरावट ने छोटे निवेशकों को विशेष रूप से प्रभावित किया है, जो इन क्षेत्रों में अधिक निवेश कर चुके थे।

कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार ने बजट के बाद भारी गिरावट का सामना किया, जिससे निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया। वित्त मंत्री द्वारा किए गए कर बढ़ाने के फैसले ने बाजार में नकारात्मकता फैला दी है। हालांकि, बाजार में निचले स्तर से कुछ सुधार की उम्मीद की जा रही है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना होगा और अपने निवेश के फैसलों में सावधानी बरतनी होगी।
 

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