EXPLAINER: Nippon India Smallcap में Lumpsum बंद, समझिए क्यों हो रहा है ऐसा?

Tata Smallcap के बाद Nippon India Smallcap ने भी Lumpsum इनवेस्टमेंट बंद कर दिया है। कंपनी ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि सिर्फ SIP, STP जारी रहेगी, अगर आप एक साथ 5 लाख से ज्यादा निवेश करना चाहते हैं तो ऐसा नहीं कर सकते हैं।

Advertisement
Nippon India Smallcap में Lumpsum बंद
Nippon India Smallcap में Lumpsum बंद

By Ankur Tyagi:

बुल रन को देखकर अगर आप भी स्मॉलकैप में इनवेस्ट करना चाहते हैं तो पहले ये पढ़िए। Tata Smallcap के बाद Nippon India Smallcap ने भी Lumpsum इनवेस्टमेंट बंद कर दिया है। कंपनी ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि सिर्फ SIP, STP जारी रहेगी, अगर आप एक साथ 5 लाख से ज्यादा निवेश करना चाहते हैं तो ऐसा नहीं कर सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्यों रहा है। म्युचुअल फंड कंपनियां ऐसा क्यों कर रही हैं। दरअसल हाल ही में स्मॉल-कैप शेयरों में तेजी आई है। पिछले चार महीनों में स्मॉल-कैप 250 इंडेक्स 25% से अधिक बढ़ा है। स्मॉल-कैप फंडों के हालिया और साथ ही पिछले मजबूत प्रदर्शन के बाद लोग ऐसे फंड्स की तरफ आकर्षित हुए हैं। इस स्कीम का AUM 30,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। Valuation और Liquidity को देखते हुए फंड्स ऐसे कदम उठा रहे हैं।

Also Read: Rekha Jhunjhunwala ने Tata Group के किस स्टॉक में बढ़ाई हिस्सेदारी?

कुछ स्मॉल कैप ऑलरेडी ओवरवैल्यूएशन पर हैं।  निफ्टी स्मॉल कैप 250 इंडेक्स के भीतर, म्यूचुअल फंड द्वारा रखे गए शेयरों का औसत पीई अनुपात 58X है। इसके विपरीत, फंड्स के बाहर शेयरों का पीई रेश्यो 25X है, जो दिखाता है, म्युचुअल फंड्स की होल्डिंग की वजह से कुछ शेयर ओवरवैल्यूड हो गए हैं जबकि बाकी अच्छे स्टॉक कम पीई पर उपलब्ध हैं। DIY (Do It Yourself) निवेशक छोटे समय के बेहतर प्रदर्शन के आधार पर स्मॉल कैप में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसा तब होता है जब निवेशक सिर्फ रिटर्न के पीछे भागते हैं। जिससे खराब रिजल्ट्स मिल सकते हैं। इक्विटी से पैसा बनाने के लिए, किसी भी निवेशक को अल्पकालिक पिछले रिटर्न के आधार पर निवेश करने की आदत से बचना चाहिए। इसके बजाए एक व्यवस्थित, अनुशासित, लक्ष्य-आधारित निवेश दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

अधिसूचना के अनुसार सिर्फ SIP, STP जारी रहेगी, अगर आप एक साथ 5 लाख से ज्यादा निवेश करना चाहते हैं तो ऐसा नहीं कर सकते

कुछ म्युचुअल फंड्स चाहते हैं कि नए निवेश से पहले पुराने निवेशकों के यूनिट्स भी मार्जिन ऑफ सेफ्टी की सीमा में रहे क्योंकि कई HNI भी अंधाधुंध पैसा स्मॉलकैप में डाल रहे हैं।हालांकि इन स्मॉल-कैप फंडों में मौजूदा निवेशकों को इन फैसलों की चिंता नहीं करनी चाहिए। हमेशा एक बाद याद रखनी चाहिए कि मार्केट को टाइम करना लगभग असंभव है। स्मॉल-कैप फंड 10 साल या उससे अधिक दूर के दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए होते हैं, और इन फंडों में निवेशकों को सफल होने के लिए ऐसे कई Market Cycles का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि आपके लक्ष्य अभी भी बहुत दूर हैं, तो निवेशित रहें और यदि आपका फंड इसकी अनुमति देता है तो अपना SIP जारी रखें। यदि आपको अगले कुछ वर्षों के भीतर पैसों की जरूरत है , तो अगले 12-18 महीनों में व्यवस्थित रूप से अपने फंड से SWP से पैसा निकालें।

Also Read: 1466% रिटर्न, मल्टीबैगर स्टॉक 7% से अधिक उछला, 52-सप्ताह के नए उच्चतम स्तर पर !

Read more!
Advertisement