REC और Suzlon में हुआ समझौता, स्टॉक की हो सकती है रिरेटिंग
सुजलॉन का स्टॉक अपने 53 वीक से करीब 14% की दूरी पर कारोबार कर रहा है। ऐसे में इस तरह का दौर कबतक रहेगा मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह ने बताया।

रिटेल निवेशकों के पसंदीदा स्टॉक Suzlon को लेकर एक बड़ी खबर आई है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस खबर से स्टॉक पर दमदार असर हो सकता है। लेकिन यहां कुछ और सवाल भी हैं। जैसे बहुत सारे निवेशक ये समझना चाहते हैं कि ये स्टॉक एक दायरे में क्यों फंसा हुआ है? क्या आने वाले दिनों में स्टॉक में तेजी वापस लौट सकती है या फिर अभी ये एक ही दायरे में फंसा रहेगा? तमाम सवालों के जवाब मिलेंगे। दरअसल सुलॉन एनर्जी ने REC के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के तहत REC सुजलॉन ग्रुप को वर्किंग कैपिटल मुहैया कराएगा। आपका बता दें कि REC एक सरकार कंपनी है। इस समझौते का मतलब ये हुआ कि कंपनी को अपने ऑपरेशन्स और प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है। जिसमें REC, सुजलॉन की मदद करेगा। इसे ही वर्किंग कैपिटल कहा जाता है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस समझौते के तहत मिली धनराशि का इस्तेमाल कंपनी की वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए जाएगा ताकि मौजूदा ऑर्डर्स को पूरा किया जा सके और भविष्य में मिलने वाले ऑर्डरों को पूरा करने में कैपिटल किसी भी तरह से रुकावट न बने। इस पर कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर हिमांशु मोदी ने कहा कि मौजूदा सुविधा नॉन फंड आधारित है जो मुख्य रुप से ऑफ बैलेंसशीट होगी। इससे हम कर्ज मुक्त रहेंगे और हमारे कस्टमर्स और सप्लायर्स के साथ कमर्शियल टर्म्स में काफी सुधार होगा।
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इस खबर के मायने समझने के लिए हमने मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह से बात की। राघवेंद्र सिंह का कहना है ये कंपनी के लिए बहुत अच्छी खबर है। उनका साफ तौर पर कहना है कि REC एक PSU कंपनी है। अब उनकों फाइनेंस बहुत ही कम रेट पर मिल जाएगा। कंपनी पर सरकार के बड़े निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है। REC ने ये कॉन्फिडेंस दिखाया है तो आगे चलकर दूसरी कंपनियां भी विश्वास करेगी। इससे री-रेटिंग की संभावनाएं बहुत बढ़ गई है। जहां कुछ वक्त पहले इस स्टॉक में धमाकेदार तेजी थी लेकिन पिछले एक महीने में ये स्टॉक 9% टूट गया है। हालांकि पिछले 6 महीने में ये निवेशकों को 163% का रिटर्न दे चुका है। वहीं इस साल की शुरुआत से ये स्टॉक 250% भाग चुका है। फिलहाल सुजलॉन का स्टॉक अपने 52 वीक से करीब 14% की दूरी पर कारोबार कर रहा है। ऐसे में इस तरह का दौर कब तक रहेगा मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह ने बताया। उनका कहना है कि स्टॉक में कंसोलिडेशन का फेज है, जितना बड़ा कंसोलिडेशन होगा उतना बड़ा मूव आएगा। ये स्टॉक 55 और 60 रुपए पर तक जा सकता है और साथ ही उनका कहना है कि चाहे तो निवेशक अभी भी इस स्टॉक में खरीदारी कर सकते हैं। क्योंकि एक ट्रिगर आते ही ये स्टॉक रॉकेट बन सकता है।