Real Estate Bizarre Story: प्लॉट की क़ीमत 7 करोड़ और महिला को मिला 4 लाख में, जानिए पूरा क़िस्सा?
ख़ास बात तो ये है कि 1988 में इस ही जगह के प्लॉट की कीमत 350 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से मिल रही थी जो 2024 में 1.35 लाख रुपये वर्ग मीटर हो गई है और इस हिसाब से लता जैन को करीब 7 करोड़ रुपये का प्लॉट केवल 3.75 लाख रुपये में ही मिल गया।

By प्रतिष्ठा अग्निहोत्री (Pratishtha Agnihotri) :
आज के समय जहां लोगों को एक छोटा सा घर लेना मुश्किल हो रहा है वहाँ ऐसा क्या हुआ कि एक महिला को 7 करोड़ का प्लॉट सिर्फ़ 4 लाख में ही मिल गया।
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दरअसल एक महिला ने तीन दशकों तक क़ानून जंग लड़ी और GDA को हरा ही दिया है। क़ानून की लड़ाई लड़ने वाली इस हिम्मती महिला का नाम है लता जैन। लता जैन ने 16 अगस्त 1988 के दिन एक नर्सिंग होम बनाने के लिए पटेल नगर में 500 वर्ग मीटर का प्लॉट बुक किया था। प्लॉट बुक करने के लिए लता ने GDA (गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी) को 50 हजार रुपये बुकिंग अमाउंट भी दिया था।
इस ही प्लॉट को लेकर चला एक लंबा केस। बुकिंग अमाउंट देने के बाद ही GDA ने लता को बताया कि ये प्लॉट विवादित है और GDA इस कारण लता को बुकिंग अमाउंट वापस कर देगा मगर लता ने इस रिफ़ंड को लेने से इनकार कर दिया और वो कंज्यूमर फोरम चली गई। कंज्यूमर फॉरम के सामने GDA ने बोला कि लता ने अलॉटमेंट के बिना ही प्लॉट को किसी दूसरी पार्टी को बेच दिया था। हालाँकि लता पर लगाये इस आरोप को GDA साबित नहीं कर पाया और कंज्यूमर फोरम ने 2009 में लता के हित में फ़ैसला सुना दिया। ठीक इसके क़रीब 1 साल बाद इसी केस को लेकर GDA इलाहाबाद हाई कोर्ट चला गया।
ग़ज़ब की बात ये रही कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी लता के ही हित में फ़ैसला सुनाया। GDA को मिली इस हार के बाद GDA ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया। ये केस सुप्रीम कोर्ट में करीब 14 साल और 5 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने भी लता के ही पक्ष में फैसला सुनाया। फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने GDA को आदेश दिया कि लता जैन को इंदिरापुरम में न्याय खंड 1 में 500 वर्ग मीटर का प्लॉट उसी क़ीमत पे दिया जाये जिस क़ीमत पे उन्हें 1988 में प्लॉट अलॉट किया गया था।
ख़ास बात तो ये है कि 1988 में इस ही जगह के प्लॉट की कीमत 350 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से मिल रही थी जो 2024 में 1.35 लाख रुपये वर्ग मीटर हो गई है और इस हिसाब से लता जैन को करीब 7 करोड़ रुपये का प्लॉट केवल 3.75 लाख रुपये में ही मिल गया। इस 36 सालों की जंग में मिली जीत में लता जैन के रिश्तेदार ने बताया कि जैन इस प्लॉट पर नर्सिंग होम खोलना चाहती थीं। इसी लिये कहा जाता है कि जीत सच की ही होती है।