'George Soros, Hindenburg के मुख्य निवेशक हैं', BJP ने लगाया आरोप
जॉर्ज सोरोस पीएम नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को आरोप लगाया कि हंगेरियन-अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस हिन्डनबर्ग रिसर्च में मुख्य निवेशक हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आज हम कुछ मुद्दों को उठाना चाहते हैं। हिन्डनबर्ग में किसका निवेश है? क्या आप जानते हैं कि यह व्यक्ति जॉर्ज सोरोस कौन है, जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रचार करता है... वह वहां का मुख्य निवेशक है... नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी पैथोलॉजिकल नफरत में, कांग्रेस पार्टी ने आज भारत के खिलाफ नफरत विकसित कर ली है।”
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हिन्डनबर्ग रिपोर्ट का संदर्भ
हिन्डनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुक और उनके पति धवल बुक ने अदानी समूह के कथित धन हड़पने के घोटाले में इस्तेमाल किए गए अज्ञात ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी रखी है। इस रिपोर्ट ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और सेबी प्रमुख ने इन आरोपों को "दुष्ट और प्रेरित" करार दिया है।
सोरोस का राजनीतिक प्रभाव
जॉर्ज सोरोस, जो ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि सोरोस भारत के लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहे हैं। रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "अगर भारत का शेयर बाजार प्रभावित होता है, तो क्या छोटे निवेशक परेशान नहीं होंगे?... कांग्रेस पार्टी की राजनीति में एक टूलकिट राजनीति है, दूसरी चिट राजनीति है।”
कांग्रेस पर आरोप
प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वे "पूरे शेयर बाजार को गिराने, छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकने और भारत में आर्थिक निवेश को सुनिश्चित करने" की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की नफरत ने भारत के खिलाफ नफरत को जन्म दिया है।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण जोखिम है क्योंकि सेबी की "ईमानदारी" को इन आरोपों से "गंभीरता से नुकसान" पहुंचा है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
गांधी ने कहा, "अगर कुछ गलत होता है और निवेशक अपने कड़ी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो कौन जिम्मेदार होगा? क्या भारत के प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं? क्या माधबी बुक जिम्मेदार हैं, या श्री अदानी जिम्मेदार हैं?”
राजनीतिक विवाद का विस्तार
भाजपा और कांग्रेस के बीच यह विवाद केवल इस रिपोर्ट तक सीमित नहीं है। इससे पहले भी भाजपा ने सोरोस को कांग्रेस से जोड़ा है। पिछले साल, स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उनके सोरोस के साथ संबंध हैं और उन्होंने कहा था कि सोरोस ने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नष्ट करने की घोषणा की है।
बाजार की स्थिति
हिन्डनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदानी समूह के शेयरों में गिरावट आई है। हालांकि, भाजपा ने इस रिपोर्ट को "बाहरी ताकतों" का हमला करार दिया है, जो भारत की प्रगति को बाधित करने का प्रयास कर रही हैं।
भाजपा ने जॉर्ज सोरोस को हिन्डनबर्ग रिसर्च से जोड़कर एक राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। यह स्पष्ट है कि इस मामले का प्रभाव केवल शेयर बाजार पर नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति पर भी पड़ेगा। जैसे-जैसे यह मामला आगे बढ़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह विवाद और गहरा होता है या फिर इसे समय के साथ भुला दिया जाएगा।