LoP बनने के बाद राहुल गाँधी ने वीडियो जारी कर बताई अगले 5 साल की रणनीति
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि विपक्ष की आवाज को संसद में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाएगी।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि विपक्ष की आवाज को संसद में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने संसद में भी अपने पहले भाषण में ये बात कही और अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए अपनी भावना व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि वे लोगों की आवाज उठाते रहेंगे और उनके लिए काम करते रहेंगे।
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'विपक्ष का नेता सिर्फ एक पद नहीं है'
वीडियो को पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा देश की जनता, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और INDIA के सहयोगियों का मुझपर भरोसा जताने के लिए दिल से धन्यवाद। विपक्ष का नेता सिर्फ एक पद नहीं है - यह आपकी आवाज़ बन कर आपके हितों और अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हमारा संविधान गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों, किसानों, मजदूरों का सबसे बड़ा हथियार है और हम उस पर किए गए हर हमले का पूरी ताकत से जवाब देकर उसकी रक्षा करेंगे।
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'संविधान की रक्षा करूंगा'
उन्होंने आगे लिखा कि मैं आपका हूं और आपके लिए ही हूं। वीडियो में भी कमोबेश राहुल गांधी ने यही बात कही है। राहुल ने कहा कि किसी ने मुझसे पूछा कि का क्या मतलब है.. मेरे लिए इसका मतलब आपकी आवाज है.. मैं देश के गरीब पिछले किसान अल्पसंख्यक की आवाज हूं। समस्याएं लोगों की आवाज उठाना है। जहां भी सरकार संविधान पर प्रहार करने की कोशिश करेगी, मैं संविधान की रक्षा करूंगा। इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिखे। राहुल गांधी ने उम्मीद जताई कि विपक्ष की आवाज को संसद में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने सदन को अच्छी तरह से चलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई देने के लिए अपने स्वागत भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि बेशक, सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है, लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। राहुल ने यह भी कह दिया कि पिछली बार की तुलना में विपक्ष काफी अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। यह सोचना कि विपक्ष की आवाज को दबाकर सदन को कुशलतापूर्वक चलाया जा सकता है, एक गैर-लोकतांत्रिक विचार है। इस चुनाव ने दिखाया है कि भारत के लोग विपक्ष से देश के संविधान की रक्षा करने की उम्मीद करते हैं।