Supreme Court ने Noida Authority को लेकर क्या कह दिया?

Noida के दो अफसरों और एक लैंड ओनर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन पर ₹7,26,80,427 का मुआवजा बिना किसी अधिकार के गलत तरीके से पेमेंट करने का आरोप है, जिसे आपराधिक साजिश बताया गया है।

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देश की सर्वोच्च अदालत ने Noida Authority पर कठोर टिप्पणी की है
देश की सर्वोच्च अदालत ने Noida Authority पर कठोर टिप्पणी की है

देश की सर्वोच्च अदालत ने Noida Authority पर कठोर टिप्पणी की है। मुआवजा वितरण में हुए फ्रॉड से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए Supreme Court ने कहा कि अथॉरिटी के एक-दो अफसर नहीं बल्कि पूरा सिस्टम करप्शन में डूबा हुआ है। राज्य सरकार ने अभी तक इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? इस तरह का फ्रॉड करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया? अगली सुनवाई से पहले राज्य सरकार ये बताए कि इस मामले में किस एजेंसी से जांच कराई जाए? इस मामले में क्या है?  सुप्रीम कोर्ट ने एक स्पेशल अनुमति याचिका पर सुनवाई की, जिसमें पता लगा कि कानून में किसी भी अधिकार के बिना लैंड ओनर्स को अथॉरिटी ने मुआवजा बांटा है, और इसके लिए FIR दर्ज की गई है, लेकिन अऑरिटी के अफसरों के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की कोर्ट ने फटकार लगाई है क्योंकि मामले में सिर्फ कुछ अफसरों का ही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम का सहमत हिस्सा है। इस तरह की घटनाएं एक अफसर की मानहानि से नहीं है, बल्कि यह पूरे नोएडा अथॉरिटी को शामिल करती हैं।

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FIR में क्या है?  Noida के दो अफसरों और एक लैंड ओनर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन पर ₹7,26,80,427 का मुआवजा बिना किसी अधिकार के गलत तरीके से पेमेंट करने का आरोप है, जिसे आपराधिक साजिश बताया गया है।Allahabad High Court ने क्यों नहीं दी जमानत? सीनियर एडवोकेट पीएन मिश्रा पेटिशनर की ओर से कोर्ट में हाज़िर हुए, और senior counsel रवींद्र कुमार और एएजी अर्धेंदुमौली कुमार प्रसाद सरकार की ओर से उपस्थित हुए। हाईकोर्ट ने कथित तौर पर नोएडा अथॉरिटी को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और उच्च न्यायालय ने यह माना कि इसके लिए आग्रिम जमानत देने की आवश्यकता नहीं है। हाईकोर्ट ने जांच के आदेश देने की सिफारिश की है, और अब मामले को 5 अक्टूबर, 2023 को आगे की सुनवाई के लिए लिस्ट किया है।

Supreme Court ने कहा कि अथॉरिटी के एक-दो अफसर नहीं बल्कि पूरा सिस्टम करप्शन में डूबा हुआ है

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