कई देशो में मंदी की मार, Rolls Royce पर असर, हज़ारो कर्मचारियों की हो सकती हैं छंटनी
इस वक्त कई देश मंदी की मार झेल रहे हैं, मंदी के कारण कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में इसकी चेपट में आ चुके हैं, मंदी के कारण अब इसका असर कई बड़ी कंपनियों पर भी पड़ता नजर आ रहा है, मंदी के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी करने के बाद अब Rolls Royce भी हजारों कर्मचारियों की छटनी कर सकती हैं।

इस वक्त कई देश मंदी की मार झेल रहे हैं, मंदी के कारण कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में इसकी चेपट में आ चुके हैं, मंदी के कारण अब इसका असर कई बड़ी कंपनियों पर भी पड़ता नजर आ रहा है, मंदी के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी करने के बाद अब Rolls Royce भी हजारों कर्मचारियों की छटनी कर सकती हैं। दुनिया की बड़ी कंपनी गूगल अमेजन मेटा जूम स्नैपचैट और माइक्रोसॉफ्ट के छंटनी करने के बाद रोल्स रॉयस भी कर्मचारियों की संख्या को कम करने को लेकर काम कर रही है।
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विमान के इंजन बनाने वाली कंपनी रोल्स-रॉयस (Rolls-Royce) की ओर से हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रही है। इसके कंपनी ने मैकिन्से एंड कंपनी (McKinsey & Co) के नेतृत्व में सलाहकारों को नियुक्त किया, जो कंपनी को इस मुद्दे पर सलाह देंगे। जानकारी के मुताबिक, कंपनी की योजना पूरी दुनिया में मौजूद अपने कर्मचारियों की कुल संख्या में से 3,000 नॉन-मैन्युफैक्चरिंग स्टाफ की छंटनी करनी की है।
कर्मचारियों की छंटनी करने के अलावा कंपनी की योजना अपने नॉन-मैन्युफैक्चरिंग डिपार्टमेंट्स का विलय करने की है। कंपनी के पास नॉन- मैन्युफैक्चरिंग में Civil Aerospace, Defense और Power Systems Division है। इसके जरिए कंपनी अपने संचालन को किफायती बनाना चाहती है। हाल ही रोल्स-रॉयस के प्रवक्ता की ओर से जारी किए बयान में कहा गया कि हम अपनी सभी वर्क स्ट्रीम के ट्रांसफॉरमेशन का कार्य कर रहे हैं और हमारा उद्देश्य इन्हें पहले के मुकाबले अधिक किफायती बनाना है।
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हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अभी हमने इस बदलाव के कारण कर्मचारियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर कोई भी फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इस छंटनी का सबसे अधिक प्रभाव रोल्स-रॉयस के मुख्यालय पर हो सकता है क्योंकि यहां कंपनी नॉन-मैन्युफैक्चरिंग स्टाफ अधिक है। वहीं, रोल्स-रॉयस के सीईओ Tufan Erginbilgic का कहना है कि कंपनी में कार्य अधिक किफायती बनाने के लिए ट्रांसफॉर्मेशन का कार्य शुरू हो चुका है। पश्चिमी देशों की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के इस साल मंदी में जाने की आशंका बनी हुई है। इस कारण बड़ी कंपनियां जैसे गूगल, अमेजन, मेटा, स्नैपचैट, जूम, माइक्रोसॉफ्ट अपनी लागत को कम करने के लिए छंटनी का सहारा ले रही है।