Crude Oil कच्चे तेल के महंगे होने से भारत को हो गया बड़ा नुकसान

मीडिया रिपोर्ट में कहा कि शेयर बाजार में लगातार बिकवाली देखने को मिल रही है। इसका प्रमुख कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी है। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए निवेशक सतर्क हैं। अगर कच्चा तेल 90 अमेरिकी डॉलर के लेवल से ऊपर बना रहा, तो यह महंगाई के लिए खतरा होगा और ऑपरेशनल मार्जिन में कमी देखने को मिलेगी।

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कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर से आग लगी है
कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर से आग लगी है

By Adarsh:

कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर से आग लगी है और इसमें तेजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। Saudi Arabia और Russia की जुगलबंदी ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के फैसले के बाद से Crude की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। सऊदी अरब और रूस इस कटौती को दिसंबर तक जारी रखेंगे पर इसकी मार भारतीय शेयर बाजार को झेलनी पड़ रही है। आपको बता दें कि तब से कच्चे तेल की कीमतें 97 डॉलर के करीब पहुंच गई है। भारतीय शेयर बाजार को भारत को 6.75 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है आइये जानते है भारत को इतना भारी नुकसान क्यों झेलना पड़ा रहा है?

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शेयर बाजार निवेशकों को भी काफी नुकसान हुआ है। बीएसई का मार्केट कैप 316 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। जबकि एक दिन पहले बीएसई का मार्केट कैप 319 लाख करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि बीएसई के मार्केट कैप 2.9 लाख करोड़ रुपये कमी आ गई। जबकि 15 सितंबर को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई का मार्केट कैप 323 लाख करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि निवेशकों को तब से अब तक 6.75 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है।

शेयर बाजार निवेशकों को भी काफी नुकसान हुआ है

रूस और सऊदी की जिद की वजह से पिछले दो हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार को मुह की खानी पड़ी है सीना ताने खड़ा सेंसेक्स अपने लाइफ टाइम हाई पर था उसमें 2400 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिल चुकी है। अगर बात गुरुवार की करें तो सेंसेक्स 610.37 अंकों की गिरावट के साथ 65,508.32 अंकों पर आ गया है। जबकि दो हफ्तों पहले 15 सितंबर को सेंसेक्स में लाइफ टाइम हाई पर पहुंचकर 67927.23 अंकों पर आ गया था। तब से अब तक सेंसेक्स में 3.69 फीसदी यानी 2,418.91 की गिरावट देखने को मिल चुकी है। जानकारों की मानें तो सेंसेक्स में और गिरावट देखने को मिल सकती है। शुक्रवार को भी बाजार कि शुरुआत कुछ खास तेजी के साथ देखने को नहीं मिली है।

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निफ्टी की बात करें तो उसमें में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है और  लाइफ टाइम हाई से 3.45 फीसदी नीचे आ चुका है। गुरुवार को 192.90 अंकों की गिरावट के साथ 19,523.55 अंकों पर बंद हुआ। खास बात तो ये है कि दो हफ्ते पहले निफ्टी 20,222.45 अंकों के साथ लाइफ टाइम पर पहुंच गया था। तब से निफ्टी में 698.9 अंकों की गिरावट आ चुकी है। आने वाले दिनों में इसमें और भी करेक्शन देखने को मिल सकता है।

निफ्टी की बात करें तो उसमें में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है

मीडिया रिपोर्ट में कहा कि शेयर बाजार में लगातार बिकवाली देखने को मिल रही है। इसका प्रमुख कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी है। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए निवेशक सतर्क हैं। अगर कच्चा तेल 90 अमेरिकी डॉलर के लेवल से ऊपर बना रहा, तो यह महंगाई के लिए खतरा होगा और ऑपरेशनल मार्जिन में कमी देखने को मिलेगी। वास्तव में रूस और सऊदी अरब ने अपनी जिद्द की वजह से कच्चे तेल के प्रोडक्शन को रोका हुआ है। जिसका असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है और कीमतों में तेजी का असर भारत में देखने को मिल रहा है। इसी रफ्तार से जारी रही, तो आने वाले त्योहारी सीजन में महंगाई का तड़का लग सकता है और लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।

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