Adani Group News: अदाणी ग्रुप की किस कंपनी को मिल रहा है अमेरिका से लोन

जानकारों का कहना है कि अमेरिकी सरकार की फंडिंग अडानी ग्रुप के लिए बूस्टर का काम कर सकती है। DFC अमेरिका के सरकार की एक डेवलपमेंट फाइनेंस एजेंसी है जिसे ट्रंप सरकार का कार्यकाल में शुरू किया गया था।

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गौतम अडानी पर अमेरिका की सरकार मेहरबान हुई है
गौतम अडानी पर अमेरिका की सरकार मेहरबान हुई है

By BT बाज़ार डेस्क:

Adani Group और Hindenburg मामला अभी भी Supreme Court में चल रहा है। इस बीच गौतम अडानी पर अमेरिका की सरकार मेहरबान हुई है। जिससे आने वाले दिनों में कंपनी को अच्छा खासा फायदा होता हुआ दिख सकता है। दरअसल अमेरिकी सरकार के इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन, गौतम अडानी को 4,600 करोड़ रुपये का फंड देने जा रहा है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि ये फंड क्यों अडानी ग्रुप को ये फंड क्यों मिल रहा है? तो इसका जवाब है कि ये फंड श्रीलंका में एक प्रोजेक्ट के लिए है। अडानी ग्रुप श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट में डीप वॉटर कंटेनर टर्मिनल बना रहा है। श्रीलंका के वेस्ट टर्मिनल कंटेनर में अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर है। ये पहला मौका है जब अमेरिका की सरकार अडानी ग्रुप के किसी प्रोजेक्ट को अपने किसी एजेंसी के मध्यम से फंड दे रही है।

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अब समझते हैं कि आखिर अमेरिका अडानी ग्रुप पर मेहरबान क्यों है?

कोलंबो पोर्ट हिंद महासागर में सबसे बड़ा और व्यस्त ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है। इससे अमेरिका को इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को भी कम करने में मदद मिलेगी। चीन ने श्रीलंका की इकॉनमी में भारी निवेश किया है। इसमें कोलंबो और हंबनतोता पोर्ट और कोलंबो पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि अमेरिकी सरकार की फंडिंग अडानी ग्रुप के लिए बूस्टर का काम कर सकती है। DFC अमेरिका के सरकार की एक डेवलपमेंट फाइनेंस एजेंसी है जिसे ट्रंप सरकार का कार्यकाल में शुरू किया गया था। इसका मकसद अमेरिका की विदेश नीति के लक्ष्यों के साधने के साथ विकासशील देशों को मदद देना है। हालांकि महामारी के दौरान इसे संघर्ष करना पड़ा लेकिन हाल के वर्षों में इससे अमेरिका को काफी मदद मिली है। खासकर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को काउंटर करने में यह काफी हद तक सफल रहा है। चीन ने श्रीलंका में 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है। अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि यह चीन की डेट ट्रैप डिप्लोमैसी का हिस्सा है।

DFC गौतम अडानी को 4,600 करोड़ रुपये का फंड देने जा रहा है

इस फंडिंग से अडानी ग्रुप को दूसरे तरीके से भी फायदा मिल सकता है। इससे अडानी ग्रुप को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा जो हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण कम हो गया था। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग में धोखाधड़ी, स्टॉक की कीमतों के साथ छेड़छाड़ और कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़ी गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इस कारण ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 21वें नंबर पर हैं। उनकी नेटवर्थ 60.3 अरब डॉलर रह गई है जबकि इस साल उन्होंने 60.2 अरब डॉलर नेटवर्थ गंवाई है।

ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 21वें नंबर पर हैं

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