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बिजली कंपनियों के 33 बिलियन डॉलर के इक्विपमेंट ऑर्डर करने से किन Stocks को होगा फायदा?

मोदी 3.0 में एक के बाद एक बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। ऐसे में सरकार की हर के पॉलिसी पर बिजनेस टुडे की बारीक नजर है। क्योंकि पॉलिसी के आधार पर स्टॉक का मूवमेंट बहुत मैटर करता है।

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बिजली कंपनियों के 33 बिलियन डॉलर के इक्विपमेंट ऑर्डर करने से किन Stocks को होगा फायदा?
बिजली कंपनियों के 33 बिलियन डॉलर के इक्विपमेंट ऑर्डर करने से किन Stocks को होगा फायदा?

मोदी 3.0 में एक के बाद एक बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। ऐसे में सरकार की हर के पॉलिसी पर बिजनेस टुडे की बारीक नजर है। क्योंकि पॉलिसी के आधार पर स्टॉक का मूवमेंट बहुत मैटर करता है। देश में पीक टाइम बिजली डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। देश में बिजली खपत जून में सालाना आधार पर करीब 9 प्रतिशत बढ़कर 152 अरब यूनिट चली गई है. भीषण गर्मी के कारण घरों और दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर जैसे उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इस साल मई में बिजली की अधिकतम मांग सबसे उच्च स्तर 250 गीगावाट पर पहुंच गई। इससे पहले, अबतक की अधिकतम मांग 243 गीगावाट सितंबर 2023 में रही थी। इस तरह की रिपोर्ट्स आ रही हैं कि भारत में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 2031-32 तक अनुमानित 400 गीगावाट के नए लेवल को भी आसानी से पार कर सकती है। बिजली सचिव के मुताबिक पिछले दो सालों में कुछ राज्यों में बिजली की मांग जिस तरह से बढ़ी है। इसके लिए हमारे पास 900 गीगावाट की इलेक्ट्रिसिट प्रोडक्शन क्षमता होनी चाहिए। अब ऐसे में सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है जिससे बिजली की मांग को मैच कराया जा सके। तो यहां समझने की कोशिश करेंगे कि सरकार की ओर से क्या कदम उठाया गया है और उसका किन स्टॉक्स पर असर हो सकता है?

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33 बिलियन डॉलर के इक्विपमेंट ऑर्डर

सरकार ने बिजली कंपनियों से इस साल 33 बिलियन डॉलर के इक्विपमेंट ऑर्डर करने को कहा है, ताकि आने वाले सालों में कोयला बिजली प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जा सके, क्योंकि भारत बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस कदम से सरकारी कंपनी NTPC और SGVN के साथ-साथ अडानी पावर और Essar Power जैसी निजी कंपनियों के जरिए इक्विपमेंट के लिए एक साल में रिकॉर्ड टेंडरिंग की जाएगी और अगले 5-6 सालों में 31 गीगावाट जोड़ने में मदद मिलेगी। हालांकि सरकार आमतौर पर टेंडरिंग का समय कंपनियों पर ही छोड़ देती है, लेकिन इस बार, बिजली मंत्री मनोहर लाल के जरिए एक बैठक में नए कोयला आधारित प्लांट्स के लिए इक्विपमेंट के ऑर्डर के लिए चर्चा की गई।

महामारी के बाद देश की बिजली की मांग

महामारी के बाद देश की बिजली की मांग ने नए रिकॉर्ड बनाए, जिसके चलते प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ आर्थिक विकास दर और हीटवेव की बढ़ती घटनाएं हुई हैं। जून में भारत में 14 साल में सबसे बड़ी बिजली की कमी देखी गई। बिजली उपकरणों के लिए आखिरी बड़े ऑर्डर 2009-10 के आसपास लगभग 20 GW के लिए दिए गए थे। अब ऐसे में सवाल उठता है कि किन स्टॉक्स को इससे फायदा हो सकता है?

मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह

तो बिजनेस टुडे बाजार ने बात की मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह से, उनका कहना है कि इस तरह की खरीद से कुछ सरकारी और प्राइवेंट कंपनियों को फायदा हो सकता है, जिसमें NTPC, SJVN, COAL INDIA, ADANI POWER शामिल हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि L&T पावर कंपनियों को इक्विपमेंट सप्लाई करती है, तो इस फैसला का असर उस पर भी होगा, साथ ही BHEL को भी नजर में रखना चाहिए।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।