भारत में कितनी है कुल ट्रेनों की संख्या? आज जान लीजिए जवाब
16 अप्रैल 1853 को मुंबई के बोरीबंदर से ठाणे के लिए पहली ट्रेन के साथ शुरू हुई यह यात्रा, आज 68584 किलोमीटर लंबे नेटवर्क में तब्दील हो चुकी है। चलिए भारतीय रेल से जुड़े कुछ ऐसे आंकड़े जानते हैं जो शायद ही आपको पता होंगे।

Indian Railways: भारतीय रेलवे न केवल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, बल्कि यह रोजाना करोड़ों भारतीयों के लिए सफर का भरोसेमंद माध्यम भी है। 16 अप्रैल 1853 को मुंबई के बोरीबंदर से ठाणे के लिए पहली ट्रेन के साथ शुरू हुई यह यात्रा, आज 68584 किलोमीटर लंबे नेटवर्क में तब्दील हो चुकी है। चलिए भारतीय रेल से जुड़े कुछ ऐसे आंकड़े जानते हैं जो शायद ही आपको पता होंगे।
भारत में कुल कितने ट्रेनें?
भारत में ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में इस समय कुल 22,593 ट्रेनें हैं। इनमें से 13,452 यात्री ट्रेनें हैं, जबकि बाकी में मालगाड़ियां शामिल हैं। बढ़ती आबादी और यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर गर्मियों, त्योहारों और खास आयोजनों में रेलवे विशेष ट्रेनें भी चलाता है।
मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय रेलवे के पास 14,781 लोकोमोटिव (इंजन), 91,948 यात्री कोच और 318,196 मालवाहक वैगन उपलब्ध थे।
भारतीय रेलवे में ट्रेनों की संख्या में लगातार बदलाव होता रहता है, क्योंकि नए रूट जोड़े जाते हैं और ट्रेनें शुरू या बंद होती रहती हैं। पिछले आंकड़ो के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रेलवे प्रतिदिन लगभग 13,198 यात्री ट्रेनें चला रहा था, जो देश भर के 7,325 से अधिक स्टेशनों को जोड़ती हैं।
माल परिवहन में भी भारतीय रेलवे पीछे नहीं है। रोजाना 8,000 से अधिक मालगाड़ियां करीब 30 लाख टन माल देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाती हैं। यह न केवल व्यापार और उद्योग की रीढ़ है, बल्कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर का बड़ा सहारा भी।
लेटेस्ट ट्रेन वंदे भारत
नई पीढ़ी की ट्रेनों में वंदे भारत एक्सप्रेस एक प्रमुख उदाहरण है। फिलहाल 69 वंदे भारत ट्रेनें 136 रेल मार्गों पर दौड़ रही हैं। इनमें 8, 16 और 20 कोच वाली वैरायटी शामिल हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटरा-श्रीनगर रूट पर वंदे भारत को हरी झंडी दिखाकर जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से और मजबूती से जोड़ा।
रेलवे नेटवर्क का विस्तार और अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय रेलवे न केवल देश की "लाइफलाइन" है, बल्कि भविष्य की ओर अग्रसर एक गतिशील प्रणाली भी है।