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Salary आने से पहले ही खर्चों की लिस्ट हुई तैयार, ऐसे करें प्लानिंग तो खर्च के बाद भी बचा रहेगा रुपया

Salary Planning: सैलरी आने से पहले ही महीनों के खर्चों की लिस्ट तैयार हो जाती है। ऐसे में महीने के अंत में कंगाल हो जाते हैं। हम आपको आर्टिकल में एक ऐसे फॉर्मूला के बारे में बताएंगे जिसको यूज करने पर आप खर्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा पैसा बचा सकते हैं।

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Salary Management Formula (Photo: AI)
Salary Management Formula (Photo: AI)

Best Salary Saving Plan: कल 1 मई है और महीने की शुरुआत में लोगों में खुशी रहती है क्योंकि उनकी सैलरी आने का टाइम होता है। कई बार लोग महीनों के खर्चों को जोड़ लेते हैं और वह खर्चों का बजट के हिसाब से खर्च करते हैं, लेकिन महीने के अंत में उनके पास पैसे नहीं बचते हैं। वहीं कुछ लोग होते हैं कि वह पैसे आते ही खर्च करना शुरू कर देते हैं और महीने के अंत में उनके पास कुछ नहीं बचता है।

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ऐसे में सवाल आता है कि आखिर वह किस तरह से खर्च करें कि उनके खर्च भी पूरी हो जाए और पैसे भी ज्यादा से ज्यादा बचे। हम आपको नीचे एक ऐसे फॉर्मूला के बारे में बताएंगे जो आपको सैलरी को मैनेज करने में मदद करेगा। इस फॉर्मूला को अपनाकर आप सेविंग भी कर सकते हैं और शॉपिंग के मजे भी उठा सकते हैं। 

अपना लें ये फॉर्मूला

सैलरीड पर्सन को 50-30-20 फॉर्मूला (50-30-20 Formula) फॉलो करना चाहिए। इस फॉर्मूला में जरूरी खर्च, सेविंग के साथ शौक के एक्सपेंस कवर होते हैं। यानी आपको अपनी किसी भी चीज में हाथ रोकने की जरूरत नहीं है। 50-30-20 फॉर्मूला के हिसाब से सैलरीड पर्सन को अपनी सैलरी को 50-30-20 के हिस्सों में बांटना चाहिए। 

इस फॉर्मूला के हिसाब से जरूरी खर्च के लिए हमेशा सैलरी का 50% खर्च करना चाहिए। वहीं, 30% शौक या बाकी खर्च आते हैं। वहीं, 10% सेविंग है। 

उदाहरण से समझें

उदाहरण के तौर पर आपकी मंथली सैलरी ₹50,000 है तो आपको सैलरी का 50% यानी ₹25,000 जरूरी खर्च जैसे घर का किराया, राशन, ट्रांसपोर्ट, बिजली बिल आदि में खर्च करना चाहिए। वहीं, सैलरी का 30% जो कि ₹15,000 है उसे लाइफस्टाइल एक्सपेंस या फिर बाकी खर्च जैसे जिम, शॉपिंग, सैलून, घूमना आदि में यूज करना चाहिए।

अब जो बाकी के ₹10,000 जो कि सैलरी का 20% है उसे सेविंग के तौर पर रखना चाहिए। हालांकि, सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट करना जरूरी है। इस ₹10,000 में से कुछ अमाउंट को इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) में रखना चाहिए। इमरजेंसी फंड बहुत जरूरी है, यह आपात के खर्चों में मदद करता है। इसके अलावा आपको म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), एफडी (FD) या फिर किसी स्कीम में निवेश करना चाहिए। यह इन्वेस्टमेंट आपके फ्यूचर गोल को पूरा करने में मदद करेगा। 

इस तरह आप अपनी सैलरी को सही से मैनेज कर पाएंगे। दरअसल, फाइनेंस एक्सपर्ट के मुताबिक सैलरी मैनेजमेंट तब सही होता है जब व्यक्ति एक्सपेंस के साथ सही तरह से इन्वेस्ट करता है। इन्वेस्टमेंट बहुत जरूरी है। यह आपको फाइनेंशियली सिक्योर करता है।