scorecardresearch

अमेरिका से आ रहे हैं डराने वाले आंकड़े, भारत पर भी आएगा बड़ा संकट?

दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा अमेरिका अब एक नए संकट में फंसता नजर आ रहा है। दरअसल, अमेरिका की कंपनियों की दिवालिया होने की रफ्तार इतनी तेज हो गई है, कि इससे वहां पर मंदी का संकट गहराने लगा है। कंपनियों के दिवालिया होने से दुनिया की आर्थिक महाशक्ति की हालत चिंताजनक होती जा रही है।

Advertisement
अमेरिका से आ रहे हैं डराने वाले आंकड़े
अमेरिका से आ रहे हैं डराने वाले आंकड़े

दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा अमेरिका अब एक नए संकट में फंसता नजर आ रहा है। दरअसल, अमेरिका की कंपनियों की दिवालिया होने की रफ्तार इतनी तेज हो गई है, कि इससे वहां पर मंदी का संकट गहराने लगा है। कंपनियों के दिवालिया होने से दुनिया की आर्थिक महाशक्ति की हालत चिंताजनक होती जा रही है। 2024 के पहले 8 महीनों यानी जनवरी से अगस्त के दौरान 452 बड़ी कंपनियों ने दिवालिया घोषित किया है। ये आंकड़ा इस लिहाज से ज्यादा डरावना है कि कोविड-19 के साल 2020 के बाद 14 साल में ये दूसरा सबसे बड़ा नंबर है।

advertisement

अगस्त में कितनी कंपनियां हुई दिवालिया?

बीते महीने अमेरिका में 63 कंपनियों ने दिवालिया घोषित किया. अगस्त से पहले जुलाई में 49 कंपनियों ने अपने कारोबार को बंद करने का एलान किया था। इन 2 महीनों के आंकड़ों से ही ये अंदाजा लगाया जा सकता है, कि अमेरिकी इंडस्ट्री की हालात कितनी गंभीर है? अगस्त का महीना तो अमेरिका के कारोबार जगत के लिए पिछले चार साल में चौथा सबसे खराब महीना रहा है।  इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका लगातार बढ़ रही है।  बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी और कंज्यूमर खर्च में कमी इसके प्रमुख इंडिकेटर्स हैं।आर्थिक मंदी की वजह से कंपनियों के दिवालिया होने की संख्या में तेज इजाफा हो रहा है, जिससे रोजगार के मौके घट  रहे हैं और कंज्यूमर्स का कॉन्फिडेंस कमजोर हो रहा है.

3 सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा संकट!

इस साल कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस सेक्टर की 69 बड़ी कंपनियां दिवालिया घोषित हो चुकी हैं। ये सेक्टर रिटेल और लग्जरी गुड्स बनाने वाली कंपनियों से जुड़ा है। कंज्यूमर स्पेंडिंग में कमी और आर्थिक अनिश्चितता ने इस सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, इसके बाद इंडस्ट्रियल सेक्टर की 53 कंपनियों ने दिवालिया होने का एलान किया है। इस सेक्टर में प्रॉडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था की बैकबोन मानी जाती हैं। इन 2 सेक्टर्स के बाद हेल्थकेयर सेक्टर की भी 45 कंपनियां भी दिवालिया हो गई हैं। ये सेक्टर स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं से जुड़ा है और महामारी के बाद भी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

गहरे संकट में अमेरिकी अर्थव्यवस्था!

ऐसे में ये अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस साल गंभीर संकट का सामना कर रही है। दिवालियापन की बढ़ती दर, मंदी की आशंका और बेरोजगारी में बढ़ोतरी से पता चल रहा है, कि अमेरिका में हालात चिंताजनक हैं। ऐसे में अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो ये लंबे समय तक आर्थिक अस्थिरता की वजह बन सकती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने के लिए आर्थिक सुधार से जुड़े कदम उठाने की जरुरत है।

advertisement