Dwarka Expressway पर CAG की रिपोर्ट के बाद उठे सवाल
CAG ने पिछले दिनों ही इस प्रोजेक्ट के बारे में अपना ऑडिट रिपोर्ट संसद में पेश किया है। कैग के मुताबिक ये खेल भारतमाला परियोजना BPP-1 के चरण-1 में हुआ है। आपको बता दें कि CAG ने द्वारका एक्सप्रेसवे के इस प्रोजेक्ट की 2017 से 2021 तक की रिपोर्ट का ऑडिट किया है। द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ-साथ दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

देश की Comptroller And Auditor General of India यानि कैग ने NHAI पर एक बड़ा खुलासा किया है। CAG की रिपोर्ट के आने के बाद से जबरदस्त हंगामा मच गया है। दिल्ली में बनाए जा रहे Dwarka Expressway पर CAG की रिपोर्ट ने कई अहम सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सड़क की लागत कई गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, जो लागत प्रति किलोमीटर 18 करोड़ रुपये होनी थी, वह 250 करोड़ रुपये तक खर्च हुए हैं। CAG की ऑडिट रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कैबिनेट ने इस सड़क के लिए प्रति किलोमीटर का बजट 18.20 करोड़ रुपये प्रस्तावित था लेकिन इसके लिए प्रति किलोमीटर 251 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया। इसी के साथ इस प्रोजेक्ट का कॉस्ट करीब 7,287 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अब इस लागत में इतना ज्यादा अंतर आने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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CAG ने पिछले दिनों ही इस प्रोजेक्ट के बारे में अपना ऑडिट रिपोर्ट संसद में पेश किया है। कैग के मुताबिक ये खेल भारतमाला परियोजना BPP-1 के चरण-1 में हुआ है। आपको बता दें कि CAG ने द्वारका एक्सप्रेसवे के इस प्रोजेक्ट की 2017 से 2021 तक की रिपोर्ट का ऑडिट किया है। द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ-साथ Delhi-Vadodara Expressway पर भी सवाल खड़े हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ये पूरा प्रोजेक्ट CCEA यानि Cabinet Committee on Economic Affairs की ओर से अप्रूव्ड प्रोजेक्ट की लिस्ट में ही नहीं था और NHAI ने अपने स्तर पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च कर लिए। CAG की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारतमाला परियोजना-1 के तहत लगभग 76,999 किलोमीटर की सड़कें बनाई जा रही है। इसमें से 70,950 किलोमीटर सड़क NHAI बना रहा है।
आपको बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि दिल्ली से गुड़गांव जाना-आना आसान हो सके। इस समय इसके लिए NH-48 का इस्तेमाल होता है। उस पर लगभग हर समय जबरदस्त ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में NHAI को फ्री में जमीन भी मुहैया कराई है। हरियाणा सरकार की तरफ से 90 मीटर चौड़ी जमीन का राइट ऑफ वे पूरी तरह से फ्री दिया गया है। इतनी जमीन में 14 लेन का हाईवे आसनी से बन सकता है। CAG का कहना है कि प्रोजेक्ट कॉस्ट में इतनी बढ़ोतरी इसलिए हुई क्योंकि वहां मैसिव स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। इस रिपोर्ट के बाद से विपक्ष के हाथ बैठे बिठाए मुद्दा लग गया है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकार की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।
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