Israel-Lebanon War: हसन नसरल्लाह की मौत पर सीरिया के मुसलमान क्यों मना रहे हैं जश्न?

हिज़बुल्लाह, जो कि एक लेबनानी शिया मिलिशिया समूह है, ईरान समर्थित है और सीरिया के गृहयुद्ध के दौरान राष्ट्रपति बशर अल असद की काफी मदद की। नसरल्लाह के नेतृत्व में, हिज़बुल्लाह ने असद सरकार को अलेप्पो समेत कई महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्ज़ा करने में मदद दी। लेकिन सुन्नी बहुल क्षेत्रों में हिज़बुल्लाह के खिलाफ अत्याचार और हिंसा की घटनाओं की खबरें भी सामने आईं, जिससे वह सुन्नी आबादी के बीच घृणा का पात्र बन गया।

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By Ankur Tyagi:

हिज़बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद सीरिया में लोग जश्न मनाते और मिठाइयाँ बाँटते नज़र आए। नसरल्लाह, शिया मुस्लिमों के एक बड़े नेता माने जाते थे, लेकिन सीरिया में उनकी मौत पर लोग खुशी मना रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों?

हिज़बुल्लाह, जो कि एक लेबनानी शिया मिलिशिया समूह है, ईरान समर्थित है और सीरिया के गृहयुद्ध के दौरान राष्ट्रपति बशर अल असद की काफी मदद की। नसरल्लाह के नेतृत्व में, हिज़बुल्लाह ने असद सरकार को अलेप्पो समेत कई महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्ज़ा करने में मदद दी। लेकिन सुन्नी बहुल क्षेत्रों में हिज़बुल्लाह के खिलाफ अत्याचार और हिंसा की घटनाओं की खबरें भी सामने आईं, जिससे वह सुन्नी आबादी के बीच घृणा का पात्र बन गया।

सीरियाई गृहयुद्ध में हिज़बुल्लाह की भूमिका ने सुन्नी विद्रोहियों को काफी नुकसान पहुँचाया। इस वजह से कई सीरियाई लोग नसरल्लाह को गृहयुद्ध की लंबी अवधि और उसकी बर्बरता के लिए दोषी मानते हैं। हिज़बुल्लाह पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने और नागरिकों पर अत्याचार के आरोप भी लगे हैं। इस कारण से, असद विरोधी सीरियाई लोग नसरल्लाह की मौत पर खुशी जाहिर कर रहे हैं और उनकी मौत को अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं।

जहाँ ईरान और शिया बहुल देश नसरल्लाह की मौत पर शोक मना रहे हैं, वहीं सीरिया में सुन्नी लोग इसे जश्न के रूप में देख रहे हैं, जो हिज़बुल्लाह और असद शासन के खिलाफ उनके गहरे गुस्से का प्रतीक है।

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