Swiggy Platform Fee Hike: फूड ऑर्डर अब होगा और महंगा, इस डिलीवरी ऐप ने बढ़ाई प्लेटफॉर्म फीस

स्विगी यूजर को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, स्विगी ने प्लेटफॉर्म फीस बढ़ा दिया है। आर्टिकल में जानते हैं कि अब स्विगी प्लेटफॉर्म पर कितनी फीस लगेगी।

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Swiggy Platform Fee Hike
Swiggy Platform Fee Hike

By Priyanka Kumari:

फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। कंपनी ने प्लेटफॉर्म फीस (Platform Fee) में इजाफा कर दिया है। अब हर ऑर्डर पर ग्राहकों को 14 रुपये देने होंगे, जबकि पहले यह 12 रुपये थी। यानी 2 रुपये का सीधा बोझ अब कस्टमर की जेब पर पड़ेगा।

कब शुरू हुआ था प्लेटफॉर्म फीस का खेल?

स्विगी ने अप्रैल 2023 में पहली बार प्लेटफॉर्म शुल्क वसूलना शुरू किया था। यह कदम कंपनी ने अपनी यूनिट इकॉनॉमिक्स (Unit Economics) को सुधारने के मकसद से उठाया था। खास बात यह है कि प्लेटफॉर्म फीस लगाने वाली स्विगी देश की पहली फूड डिलीवरी कंपनी बनी थी। शुरुआत में यह फीस सिर्फ 2 रुपये थी, लेकिन धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर अब 14 रुपये तक पहुंचा दिया गया है।

ऑर्डर्स पर असर नहीं

कंपनी का दावा है कि प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाने के बावजूद इसके ऑर्डर्स पर कोई असर नहीं पड़ा। स्विगी हर दिन 2 मिलियन से ज्यादा ऑर्डर्स डिलीवर करती है। मौजूदा फीस दर पर कंपनी को हर दिन करीब 2.8 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होती है। अगर तिमाही की बात करें तो यह आय लगभग 8.4 करोड़ रुपये और सालाना 33.6 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।

त्योहारों पर ज्यादा फीस

स्विगी और जोमैटो (Zomato) दोनों ही पहले भी त्योहारों और खास मौकों पर प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाने का प्रयोग कर चुके हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि स्विगी त्योहारों के बाद सामान्य दिनों में फीस घटाकर 12 रुपये कर सकती है। पिछले साल नए साल की पूर्व संध्या पर भी स्विगी ने हाई प्लेटफॉर्म फीस का प्रयोग किया था, जिसके बाद धीरे-धीरे इसे बढ़ाया गया।

तिमाही नतीजों पर नजर

कंपनी के हाल के क्वार्टर रिजल्ट्स (Swiggy Quarter Results) बताते हैं कि स्विगी अभी भी घाटे में चल रही है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कंपनी का नेट लॉस बढ़कर 1,197 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की पहली तिमाही के 611 करोड़ रुपये से करीब 96% ज्यादा है। हालांकि, रेवेन्यू में बढ़ोतरी देखने को मिली। कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 54% बढ़कर 4,961 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,222 करोड़ रुपये था।

क्या कहता है मार्केट?

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्विगी का यह कदम उसकी फाइनेंशियल हेल्थ को सुधारने की कोशिश है। हालांकि, लंबे समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बढ़ती प्लेटफॉर्म फीस से ग्राहक नाराज होते हैं या फिर वे इसे बिना किसी दिक्कत के स्वीकार कर लेते हैं।

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