गर्मी से बचने के लिए भारत में बड़ी बैठक, आसान और सस्ते उपायों पर चर्चा
नई दिल्ली में नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल (NRDC) ने ग्लोबल हीट एंड कूलिंग फोरम का आयोजन किया। इस बैठक में सरकार, वैज्ञानिकों और जलवायु विशेषज्ञों ने भाग लिया। आर्टिकल में इस आयोजन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नई दिल्ली में नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल (NRDC) ने ग्लोबल हीट एंड कूलिंग फोरम का आयोजन किया। इस बैठक में सरकार, वैज्ञानिकों और जलवायु विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें यह चर्चा हुई कि बढ़ती गर्मी से कैसे बचा जाए और लोगों को ठंडक देने के लिए कौन-कौन से सस्ते और अच्छे उपाय अपनाए जा सकते हैं।
गर्मी का असर अब और ज्यादा होगा
वर्ल्ड बैंक के एक्सपर्ट आभास झा ने कहा कि आने वाले समय में गर्मी का असर तीन गुना तक बढ़ सकता है। इसका मतलब यह है कि हीटवेव (लू चलना) ज्यादा होगा, तापमान और बढ़ेगा और लोगों की बिजली की जरूरत भी बढ़ेगी।
गर्मी से बचने के लिए जरूरी कदम
- सस्ते और असरदार ठंडक के उपाय किये जाएं, ताकि हर कोई गर्मी से बच सके।
- कम इनकम वाले लोगों को भी राहत मिले। इससे सिर्फ अमीरों को ही नहीं, बल्कि गरीबों को भी ठंडक का इंतजाम मिले।
- बढ़ती लू से लोगों की सेहत को बचाने के लिए खास कदम उठाए जाएं।
- गर्मी से बचने के लिए सरकार और जनता को मिलकर काम करना होगा।
बैठक में मौजूद मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि गर्मी अब सिर्फ जलवायु की परेशानी नहीं, बल्कि एक मानवीय संकट है। उन्होंने कहा कि हमें पुराने ठंडक देने वाले उपायों को अपनाना चाहिए, जैसे मिट्टी के घर, पेड़ लगाना, पानी का सही इस्तेमाल करना और बिजली बचाना।
हर किसी को राहत मिलेगी
बैठक में यह तय हुआ कि सरकार, उद्योग और समाज को मिलकर ऐसे उपाय अपनाने होंगे जिससे गर्मी से हर कोई बच सके, चाहे वह गरीब हो या अमीर। NRDC के मनीष बापना ने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक ठंडक पहुंचाने के लिए सरकार को नए तरीके अपनाने होंगे।
गर्मी से बचने के लिए अगला कदम
इस बैठक का मकसद सिर्फ चर्चा करना नहीं था, बल्कि ऐसी योजनाएं बनाना था जो सच में काम करें। सरकार और वैज्ञानिक मिलकर गर्मी से बचने के आसान और सस्ते उपायों पर काम करेंगे, ताकि हर इंसान को राहत मिले और देश में कोई हीटवेव से परेशान न हो।