मिडिल क्लास की जेब पर भारी पड़ रही स्कूल फीस, अब नर्सरी की पढ़ाई के लिए भी लेना पड़ रहा लोन
Middle Class Crisis: मिडिल क्लास पर आए दिन नई मुसीबत आती रहती है। अब बढ़ती स्कूल फीस एक नई परेशानी बन गई है।

भारत में स्कूल की फीस (School Fees Hike) हर साल तेजी से बढ़ रही है। अब ये हाल हो गया है कि नर्सरी या तीसरी क्लास की पढ़ाई के लिए भी माता-पिता को लोन और EMI का सहारा लेना पड़ रहा है। इस बढ़ती फीस से मिडिल क्लास परिवारों की कमर टूट रही है।
तीसरी क्लास की फीस 2 लाख
कॉइनस्विच और लेमन के को-फाउंडर आशीष सिंघल ने अपने LinkedIn पोस्ट में अपनी बेटी की स्कूल फीस को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में एक CBSE स्कूल में तीसरी क्लास की फीस ₹2.1 लाख है। यह कोई इंटरनेशनल स्कूल नहीं, बल्कि एक आम स्कूल है। उन्होंने लिखा कि अगर 30% की फीस बढ़ोतरी चोरी नहीं है, तो क्या है?
सैलरी नहीं बढ़ी, लेकिन फीस दोगुनी हो गई
माता-पिता की परेशानी सिर्फ बेंगलुरु तक ही नहीं है। देश के अलग-अलग हिस्सों में स्कूल हर साल फीस में 10% से 30% तक का इजाफा कर रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर मिडिल क्लास की सैलरी में सालाना सिर्फ 0.4% की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में चौथी क्लास की फीस ₹1.8 लाख तक पहुंच चुकी है।
EMI से नर्सरी की पढ़ाई
बढ़ती फीस के चलते अब कई पैरेंट्स नर्सरी से लेकर प्राइमरी स्कूल तक की फीस भी लोन लेकर भर रहे हैं। किसी जमाने में जहां लोन सिर्फ कॉलेज या यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के लिए लिया जाता था अब EMI पर प्ले-ग्रुप की पढ़ाई कराई जा रही है।
आशीष सिंघल ने लिखा कि कॉलेज के लिए सेविंग की तो बात ही छोड़ दीजिए अब तो बच्चा स्कूल जाए इसके लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। आज के समय में शिक्षा को "समानता का हथियार" माना जाता था। लेकिन, अब यह मिडिल क्लास के लिए हर महीने का सबसे बड़ा खर्च बनती जा रही है।
सरकारी आंकड़े कहते हैं कि एजुकेशन में महंगाई सिर्फ 4% है, लेकिन सच्चाई ये है कि स्कूल की फीस, खर्च और दूसरे जुड़ाव इतने बढ़ गए हैं कि अब कई परिवारों के लिए ये "मानसिक तनाव" बन गया है।