फिर फिसला 'रुपया' - ₹89.83 के ऑल टाइम लो पर पहुंचा भाव, इन वजहों से हो रही है गिरावट

अगस्त के आखिर में जब अमेरिका ने भारतीय सामान पर ज्यादा टैरिफ लगाए, तब से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 16.5 अरब डॉलर निकाल लिए हैं। इस दौरान 2025 में रुपया 4.3% गिर गया है जिससे यह एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बन गया।

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By Gaurav Kumar:

Indian Rupee: भारतीय रुपया सोमवार को ₹89.83 प्रति डॉलर के ऑल टाइम लो पर पहुंच गया। यह शुक्रवार के बंद भाव ₹89.35 से 48 पैसे कमजोर रहा।

मजबूत अमेरिकी नौकरी के आंकड़ों के बाद यह उम्मीद कम हो गई है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) जल्द ब्याज दरें कम करेगा। इसकी वजह से निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है और रुपये पर दबाव बढ़ा।

अगस्त के आखिर में जब अमेरिका ने भारतीय सामान पर ज्यादा टैरिफ लगाए, तब से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 16.5 अरब डॉलर निकाल लिए हैं। इस दौरान 2025 में रुपया 4.3% गिर गया है जिससे यह एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बन गया।

एक्सपर्ट की राय

LKP Securities के VP रिसर्च एनालिस्ट- कमोडिटी और करेंसी जतीन त्रिवेदी ने कहा कि भारत-यूएस ट्रेड डील में प्रगति के अभाव और अनिश्चितता के चलते रुपये में कमजोरी बनी रह सकती है और यह 90 के स्तर की ओर बढ़ सकता है। रुपये के लिए तुरंत रजिस्टेंस 89.20 पर है और रुझान नीचे की ओर झुका हुआ है।

Reliance Securities के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, जिगर त्रिवेदी ने कहा कि मुद्रा पर ट्रेड असंतुलन, FPI आउटफ्लो और बड़े फॉरवर्ड पोजिशन के मैच्योर होने पर स्टेट बैंक की डॉलर बिक्री का दबाव रहा। अगस्त के अंत में लगे उच्च अमेरिकी टैरिफ और ठपी पड़ी यूएस-भारत ट्रेड बातचीत ने भी सेंटीमेंट कमजोर किया। नीति मोर्चे पर अधिकांश अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि RBI 5 दिसंबर को 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करेगा और फिर 2026 तक विराम लेगा।

शेयर बाजार में तेजी

सोमवार को शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। दोपहर 1:29 बजे तक सेंसेक्स 0.09% या 75.77 अंक टूटकर 85,630.90 अंक पर कारोबार कर रहा था तो वहीं एनएसई 0.11% या 27.55 अंक गिरकर 26,175.40 अंक पर कारोबार कर रहा था।

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