डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान: अमेरिकियों को चिप्स बनाना नहीं आता, हमने मूर्खतापूर्ण तरीके से गंवाया कारोबार

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका घरेलू स्तर पर चिप मैन्यूफैक्चरिंग को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

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By Gaurav Kumar:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी इंडस्ट्रियल पॉलिसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस बार, उन्होंने चिप्स बनाने की क्षमताओं को लेकर अमेरिकी इंडस्ट्री की खुलकर आलोचना की। साथ ही, उन्होंने H-1B प्रवासी श्रमिकों के प्रति अपने समर्थन का भी बचाव किया और कहा कि अमेरिकियों में 'माइक्रोचिप्स बनाने' के लिए जरूरी तकनीकी स्कील की कमी है।

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका घरेलू स्तर पर चिप मैन्यूफैक्चरिंग को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी वर्कफोर्स में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग के लिए जरूरी तकनीकी स्कील का अभाव है, जो एक बेहद महत्वपूर्ण उद्योग है। हालांकि, ट्रंप ने यह दावा भी किया कि इस सेक्टर में अमेरिका जल्द ही बड़े स्तर पर वापसी करेगा।

ताइवान को मूर्खतापूर्ण तरीके से गंवाया कारोबार - ट्रंप

ट्रंप ने अमेरिकी इंडस्ट्रियल बेस को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अमेरिका अब ज्यादा चिप का निर्माण नहीं करता है। अगर आप चिप बनाने जा रहे हैं, तो हमें अपने लोगों को चिप्स बनाने की ट्रेनिंग देनी होगी, क्योंकि हमने चिप वाला कारोबार ताइवान के हाथों बहुत ही मूर्खतापूर्ण तरीके से गंवा दिया है।

ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी चिप मार्केट जल्द ही उबर जाएगा और उन्होंने कुछ और सालों के भीतर घरेलू उत्पादन में ग्रोथ का अनुमान लगाया है। हालांकि, उन्होंने 2022 के चिप्स अधिनियम को खारिज कर दिया, जिसका उद्देश्य अमेरिकी मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना था।

बयान पर गरमाई अमेरिकी सियासत

ट्रंप का यह बयान उनके रिपब्लिकन सहयोगियों की बढ़ती आलोचना के बीच आया है, जो H-1B वीजा प्रोग्राम को लेकर उनके रुख से असहमत हैं।

फ्लोरिडा के गवर्नर डेसेंटिस ने 13 नवंबर को एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस में रिपब्लिकन बहुमत में हैं और वे H-1B को समाप्त करने के लिए कानून बना सकते हैं। 

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