Monsoon 2025 को देखते हुए DGCA हुआ सख्त, पायलट और एयरलाइन्स को दिए नए निर्देश
DGCA Guidelines: DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने पायलट और फ्लाइट क्रू के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक, यात्रियों की सुरक्षा को समय पर उड़ान से ज्यादा जरूरी माना गया है।

अब से अगर मौसम खराब हुआ तो फ्लाइट को उड़ाने के लिए किसी दबाव की जरूरत नहीं होगी। DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने पायलट और फ्लाइट क्रू के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक, यात्रियों की सुरक्षा को समय पर उड़ान से ज्यादा जरूरी माना गया है। यह कदम हाल ही में केदारनाथ में हेलिकॉप्टर हादसे और श्रीनगर फ्लाइट में तेज टर्बुलेंस के बाद उठाया गया है।
पायलट को मिलेगा तुरंत फैसला लेने का अधिकार
DGCA ने कहा है कि मौसम में बदलाव अब ज्यादा तेज और अनिश्चित हो गया है, इसलिए पायलट को उड़ान के दौरान किसी भी समय रास्ता बदलने, वापस लौटने या डायवर्ट करने की पूरी आजादी होगी। फ्लाइट का टाइमटेबल अब सेकेंडरी होगा।
नए नियमों में कहा गया है कि तूफानी बादलों से कम से कम 20 नॉटिकल मील दूर रहना जरूरी होगा। पायलटों को बताया गया है कि ऐसे बादलों के नीचे उड़ान भरना जानलेवा हो सकता है, क्योंकि इससे बिजली गिरने, बर्फ जमने या हवा के तेज झोंकों का खतरा होता है।
अगर अचानक दृश्यता कम हो जाए या रनवे गीला हो, तो पायलट को अपने आंखों से दिख रही चीजों के साथ-साथ इंस्ट्रूमेंट्स से भी पुष्टि करनी होगी। इससे गलत लैंडिंग या मिसअप्रोच का खतरा कम होगा।
DGCA ने पहली बार आइस क्रिस्टल आइसिंग यानी ऊंचाई पर बर्फ की परत बनने को भी गंभीर माना है। इस स्थिति में पायलट को ऊपर-नीचे नहीं बल्कि बगल से रास्ता लेने की सलाह दी गई है। यह नियम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुसार जोड़ा गया है।
यात्रियों को भी दी जाएगी पूरी जानकारी
नए निर्देशों में यह भी कहा गया है कि टर्बुलेंस या खराब मौसम के समय पायलटों को यात्रियों को साफ-साफ सूचना देनी होगी। पायलट केबिन क्रू को भी समय रहते जानकारी देंगे ताकि वे यात्रियों को संभाल सकें। इसके अलावा पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को भी तुरंत जानकारी देनी होगी।
DGCA ने सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि पायलट्स को खराब मौसम में निर्णय लेने की खास ट्रेनिंग दी जाए। इसके लिए सिनेरियो-बेस्ड ट्रेनिंग होगी ताकि असली जैसी स्थितियों में भी पायलट तैयार रहें। इसका मकसद उड़ानों को और ज्यादा सुरक्षित बनाना है। ये सभी नियम शेड्यूल्ड और नॉन-शेड्यूल्ड दोनों तरह की फ्लाइट्स पर लागू होंगे।