ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, ईरान की प्रतिक्रिया पर बाजारों में बढ़ी बेचैनी
फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर टारगेटेड एयर स्ट्राइक के बाद ग्लोबल ऑयल मार्केट में उबाल आ गया है। चेक करें कच्चे तेल की लेटेस्ट कीमत।

Crude Oil Price: रविवार 22 जून को अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर टारगेटेड एयर स्ट्राइक के बाद ग्लोबल ऑयल मार्केट में उबाल आ गया है। ब्रेंट क्रूड की कीमत आज सोमवार 23 जून को 2.34% बढ़कर 78.81 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जबकि WTI क्रूड 2.38% की छलांग के साथ 75.60 डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले ब्रेंट की कीमत 5.7% उछलकर 81 डॉलर से ऊपर चली गई थी।
यूएस आर्मी द्वारा कार्रवाई की पुष्टि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को की थी। उन्होंने बताया कि यह हमला इजरायली बलों के साथ मिलकर किया गया। इस कदम से मध्य पूर्व से कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित होने की आशंका और गहरी हो गई है। ऐसे इसलिए क्योंकि ग्लोबल तेल आपूर्ति का लगभग 24% हिस्सा ईरान के पास स्थित स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait of Hormuz) से होकर गुजरता है।
तेल की कीमतों में मौजूदा तेजी ने आयात-निर्भर देशों के लिए यह नई चिंता पैदा कर दी है। भारत जैसे देशों के लिए महंगे तेल का आयात करना देश में महंगाई बढ़ा सकता है और रुपये पर दबाव बना सकता है। हालांकि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत की तेल कंपनियों के पास पर्याप्त स्टॉक है और घबराने की कोई बात नहीं है।
इजरायल और ईरान के बीच चल के तनाव में अमेरिका की एंट्री के बाद वर्ल्ड वार 3 का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में इसका असर एशियाई शेयर बाजारों पर भी दिखा। जापान का निक्केई 0.56%, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.05%, और हांगकांग का हैंग सेंग 0.58% गिरा। भारत में GIFT निफ्टी ने नकारात्मक शुरुआत के संकेत दिए।
मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन बाकी बाजारों में गिरावट मामूली है। एक्सपर्ट के मुताबिक संस्थागत निवेशक पहले ही 'रिस्क-ऑफ' मोड में हैं, जिससे अतिरिक्त नुकसान सीमित हुआ है। एक्सपर्ट का मानना है कि ईरान द्वारा हमले के जवाब से बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
हालांकि, खाड़ी और इजरायली बाजार रविवार को मजबूत बंद हुए, जिससे संकेत मिलता है कि कुछ निवेशक लॉन्गटर्म स्थिरता की उम्मीद कर रहे हैं।