Ethanol से चलेगी भारत में कारें, Nitin Gadkari ने लॉन्च की पहली कार
एथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से प्रदूषण कम होने की उम्मीद है। एथेनॉल बनाने के लिए गन्ने और मक्के जैसी फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत होगी। इससे इन फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। भारत में मौजूदा समय में केवल पेट्रोल में एथेनॉल मिलाया जा रहा है।

देश में टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बदल रही है। तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी की मदद से Petrol-Disel पर निर्भरता पूरी तरह खत्म करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में मार्केट में नई-नई कारें आ रही हैं। जो पेट्रोल-डीजल से नहीं बल्कि नए तरह की फ्यूल पर चलती है जिसे Ethanol कहते है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने देश के पहले एथेनॉल कार को लॉन्च कर दिया है जो 100% एथेनॉल से दौड़ती है। दुनिया का पहला BS-VI , इलेक्ट्रिक फ्लेक्स-फ्यूल व्हीकल को लॉन्च कर दिया है। Toyota की Innova का ये वेरिएंट 100% एथेनॉल-फ्यूल पर चलेगा। नितिन गडकरी ने ये कदम उठाने के पीछे एक बड़ा कारण ये बताया कि ये देश में कार्बन फ्यूल को कम करना चाहते हैं यानि कि प्रदूषण से छुटकारा। नितिन गडकरी लगातार कोशिश कर रहे हैं कि कार मैन्युफैक्चरर ऐसी कार बनाएं जो हाइड्रोजन, फ्लेक्स-फ्यूल, बायो ऑयल आदि जैसे फ्यूल ऑप्शन पर काम करें।
टोयोटा की फ्लेक्स इंजन वाली इनोवा या ऐसी ही गाड़ियां पेट्रोल, डीजल, एथेनॉल या फ्लेक्स फ्यूल किसी पर भी चल सकती हैं। नितिन गडकरी ने जो कार भारत में लॉन्च की है वो 100% एथेनॉल पर चलेगी। यानी ये कार फ्लेक्स फ्यूल के साथ पूरी तरह एथेनॉल से भी चलाई जा सकती है। फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों का इस्तेमाल जब बढ़ेगा, तो कच्चे ईंधन के इंपोर्ट में कमी आएगी। सबसे पहले एथेनॉल के बारे में जानते हैं। ये एक तरह का अल्कोहल है, जिसे गन्ने के रस, मक्का, आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों के फर्मेंटेशन से तैयार किया जाता है। स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बने एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर बायोफ्यूल या फ्लेक्स फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। तैयार किए गए फ्लेक्स फ्यूल को पेट्रोल पंप में भेजा जाता है जहां से फ्यूल वाहनों में जाता है।फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाले वाहन भी अलग तरह के होते हैं। दरअसल, इन वाहनों के इंजन को फ्लेक्स फ्यूल या बायो फ्यूल से चलाने के लिए खासतौर पर तैयार किया जाता है।
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आपको बता दें कि भारत सरकार फिलहाल पेट्रोल में 20% एथेनॉल को मिलाने की योजना बना रही है। E20 योजना के तहत 2025-2026 तक देश भर में 20% एथेनॉल मिला कर पेट्रोल को लॉन्च किया जाएगा। भारत सरकार ने 2021-22 में अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 86% ईंधन इंपोर्ट किया था। 11 जुलाई 2023 को पेट्रोलियम मंत्री Hardeep Singh Puri ने कहा था कि E20 पेट्रोल अभी 1,350 पेट्रोल पंप पर मिल रहा है और 2025 तक ये पूरे देश में मिलेगा। एथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से प्रदूषण कम होने की उम्मीद है। एथेनॉल बनाने के लिए गन्ने और मक्के जैसी फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत होगी। इससे इन फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। भारत में मौजूदा समय में केवल पेट्रोल में एथेनॉल मिलाया जा रहा है। डीजल में एथेनॉल मिलाए जाने के प्रोजेक्ट पर भी काम हो रहा है। आपको बता दें कि ब्राजील दुनिया में सबसे ज्यादा फ्लेक्स फ्यूल का उत्पादन करता है। अब भारत भी इस पर तेजी से काम कर रहा है।